Delhi-Mumbai Expressway Tunnel: साथ ही सुरंग में 4 ले-बाय भी बनाए गए हैं, ताकि वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने या दिक्कत आने पर रोका जा सकेगा। सुरंग की 1 ट्यूब में 15 मीटर का रास्ता एक तरफ का रहेगा। इसकी ऊंचाई करीब 11 मीटर है।
Kota News: भारतमाला परियोजना में दिल्ली-मुम्बई एटलैन एक्सप्रेस वे पर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बनाई जा रही सुरंग (टनल) का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शेष कार्य फरवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस टनल में ट्रैफिक सितम्बर 2025 तक चालू किया जाना प्रस्तावित है। 4.9 किलोमीटर लंबी टनल का दोनों तरफ से काम चल रहा है। एक्सप्रेस वे पर कोटा जिले के गोपालपुरा से बूंदी जिले के लबान तक ट्रैफिक इसी माह चालू कर दिया जाएगा। इस रूट को फाइनल टच किया जा रहा है।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि गोपालपुरा से लबान तक यातायात चालू करने की तैयारी कर ली है। इसका परीक्षण का चुका है। उच्च स्तर पर हरी झण्डी मिलते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे पर सवाई माधोपुर खण्ड के कुछ हिस्से का काम चल रहा है। इसको पूरा होने पर दो-ढाई माह लगेंगे। इसके बाद कोटा से दिल्ली तक एक्सप्रेस वे चालू हो जाएगा। चेचट की तरफ से इसका काम पूरा हो गया है।
4.9 किलोमीटर लंबी सुरंग मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में दरा के पास पहाड़ियों के नीचे बनाई जा रही है। यह 8 लेन सुरंग है, जो साउंडप्रूफ और वाटरप्रूफ होगी। करीब 1200 करोड़ की लागत से इसका काम चल रहा है।
टनल का निर्माण जनवरी 2024 में पूरा होना था, लेकिन काम देरी से शुरू हुआ। वन्य क्षेत्र होने के चलते भी स्वीकृति में दिक्कत हुई थी। बाद में मलबे के निस्तारण की भी समस्या सामने आई थी। ऐसे में अब निर्माण कार्य तय सीमा से करीब डेढ़ साल देरी से निर्माण पूरा होने की संभावना है।
यह टनल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 500 मीटर पहले से शुरू हो जाएगी और टाइगर रिजर्व खत्म होने के 500 मीटर आगे तक चलेगी। इसमें आने-जाने के लिए सुरंग की 2 ट्यूब बनाई जा रही है, जिसमें 1 ट्यूब से चार लेन का ट्रैफिक गुजरेगा। इन दोनों ट्यूब को सुरंग के भीतर 9 जगह पर जोड़ा गया है, जिनका उपयोग इमरजेंसी में किया जा सकेगा। साथ ही सुरंग में 4 ले-बाय भी बनाए गए हैं, ताकि वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने या दिक्कत आने पर रोका जा सकेगा। सुरंग की 1 ट्यूब में 15 मीटर का रास्ता एक तरफ का रहेगा। इसकी ऊंचाई करीब 11 मीटर है।
स्काडा सिस्टम से जुड़ने पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग भी की जाएगी। ऐसे में कोई भी वाहन अगर सुरंग के भीतर रुकेगा तो तुरंत सुरंग को मॉनिटरिंग कर रही टीम वहां पहुंच जाएगी। साथ ही अगर किसी तरह से बाहर में खराबी होती है, तो उसे ले-बाय में ले जाकर समस्या को दूर किया जा सकेगा।
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टनल का 70 फीसदी काम हो चुका है। दोनों तरफ से कार्य स्पीड से चल रहा हैै। हादसे से टनल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। काम सुचारू चल रहा है। गोपालपुरा से लबान तक ट्रैफिक इसी माह चालू कर देंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली है।
संदीप अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआईयू नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया कोटा