राजस्थान पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि यहां हर सुबह पांच बजे से तेज धमाकों की आवाज गूंजने लगी है। खनन माफिया खुलेआम पत्थरों का अवैध खनन करने के लिए बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Illegal Mining In Kota: कोटा के नांता थाना क्षेत्र की पत्थर मंडी के पास केडीए और वन विभाग की जमीन पर धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। धरा के आंचल से पत्थर निकालने के लिए चौड़े-धाड़े ब्लास्टिंग की जा रही है। बावजूद इसके न तो खनन विभाग को यह सब दिख रहा है, न ही केडीए, पुलिस और वन विभाग को। खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें किसी का कोई डर नहीं है। तभी तो बेरोकटोक खनन कर रहे हैं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां में पत्थर भरकर शहरभर में सप्लाई कर रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि यहां हर सुबह पांच बजे से तेज धमाकों की आवाज गूंजने लगी है। खनन माफिया खुलेआम पत्थरों का अवैध खनन करने के लिए बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं, हैरानी की बात यह है कि नांता थाने के पुलिसकर्मियों को ये धमाके सुनाई नहीं देते, जबकि ब्लास्टिंग की जगह थाने से महज 500 से 800 मीटर की दूरी पर है।
खनन विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ अभियान चला रखा है, लेकिन थाने से कुछ सौ मीटर की दूरी पर दिनभर जारी ब्लास्टिंग नहीं सुनाई पड़ रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। माफिया इतने संगठित और बेखौफ हैं कि उन्हें किसी का डर नहीं है। सवाल यह है कि जब सबकुछ खुलेआम हो रहा है तो फिर पुलिस-प्रशासन, खनन विभाग मौन क्यों है?
जिस जगह पर अवैध खनन किया जा रहा है। वह पूरी जमीन केडीए की है। मैं कैसे बता सकता हूं। इस पर कार्रवाई सिर्फ केडीए ही कर सकता है।
रामनिवास मंगल, एमई, खनन विभाग
यह क्षेत्र कोटा व बूंदी जिले की सीमा पर होने के कारण अवैध खनन करने वाले इसका फायदा उठाते हैं। यदि अवैध खनन कोटा की सीमा में हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। यदि बूंदी जिले में हो रहा तो इस संबंध में बूंदी पुलिस को भी अवगत करवाया जाएगा।
दिलीप सैनी, एडिशनल एसपी, कोटा सिटी
पत्रिका टीम ने एक हफ्ते लगातार सुबह-सुबह मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। टीम ने तेज धमाकों की आवाज सुनी, ब्लास्टिंग साइट देखी और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पत्थरों का परिवहन भी आंखों से देखा। इससे यह साफ हो गया कि यहां अवैध खनन का खेल लंबे समय से बेरोकटोक चल रहा है।
ब्लास्टिंग के बाद मजदूर हथौड़े-छेनी से पत्थरों को छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं और ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर खुलेआम बाजार में बेच देते हैं। यह पूरा खेल सुबह से शाम तक चलता है। यह अवैध खनन वन विभाग और कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) की जमीन पर हो रहा है, लेकिन अब तक दोनों ही विभागों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
नांता और बरड़ा क्षेत्र की जमीन हर सुबह ब्लास्टिंग से कांप उठती है। माफिया हाईटेंशन बिजली पोलों के बिल्कुल नीचे तक बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। यह क्षेत्र बूंदी जिले के तालेड़ा थाना क्षेत्र में आता है, लेकिन धमाकों की आवाज नांता तक सुनाई देती है।