Bus Crushed Youth Died Returning From Ganesh Utsav: नारू भील शनिवार रात बुद्धा गार्डन से गणेश उत्सव देखकर लौट रहा था। एनटीसी चौराहा पर आरएपीपी की अनुबंधित बस ने उसे कुचल दिया।
Rajasthan Road Accident: रावतभाटा शहर के एनटीसी चौराहा पर शनिवार रात आरएपीपी की अनुबंधित बस ने गणेश उत्सव देखकर लौट रहे युवक को कुचल दिया। उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान चारभुजा- झालरबावड़ी निवासी नारु भील (32) के रूप में हुई।
हादसे के बाद उप जिला अस्पताल में इलाज में लापरवाही का आरोप लगा परिजन ने हंगामा कर दिया। मुआवजे की मांग को लेकर परिजन ने रविवार शाम तक शव नहीं लिया। राणा पूंजा भील विकास समिति और ब्लॉक कांग्रेस ने सोमवार को परमाणु बिजलीघर मार्ग जाम करने की चेतावनी के बाद तहसीलदार की मौजूदगी में समझौता हुआ। नारू भील शनिवार रात बुद्धा गार्डन से गणेश उत्सव देखकर लौट रहा था। एनटीसी चौराहा पर आरएपीपी की अनुबंधित बस ने उसे कुचल दिया। राहगीरों ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां उसने दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद अस्पताल परिसर में परिजन और स्थानीय लोग जमा हो गए और जमकर हंगामा किया। राहगीर हेमराज गुर्जर ने आरोप लगाया कि घायल नारू सड़क पर तड़पता रहा लेकिन समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। बाद में निजी वाहन से उसे परमाणु बिजलीघर अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे उपजिला अस्पताल रेफर कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि उपजिला अस्पताल में नारू करीब 40 मिनट तक सांसें ले रहा था लेकिन समय पर उपचार नहीं मिलने से उसकी जान चली गई। लोगों का आरोप है कि रावतभाटा के अस्पतालों में गंभीर मरीजों को इलाज के बजाय कोटा रेफर कर दिया जाता है।
नारू शादीशुदा था और उसके दो मासूम बेटियां हैं जिनकी उम्र एक साल और तीन साल है। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पूरे मोहल्ले में शोक की लहर है।
मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा और दोनों बच्चियों को आरएपीपी द्वारा उच्च शिक्षा दिलाए जाने की मांग को लेकर दिनभर गतिरोध बना रहा। राणा पूंजा भील विकास समिति के अमरलाल भील, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कालूलाल भील, शहर कांग्रेस अध्यक्ष शंकर बुनकर और समाज के लोग मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़े रहे।
तहसीलदार विवेक गरासिया, थानाधिकारी रायसल सिंह शेखावत ने समझाइश की लेकिन बात नहीं बनी। रविवार देर शाम 2 लाख 20 हजार रुपए का चेक और मृतक के दो भाइयों को बस ठेकेदार द्वारा जब तक ठेका रहेगा तब तक नौकरी पर सहमति बन गई।