दे दी हमें आजादी: जब कमला स्वाधीन स्वतंत्रता संग्राम में कूदीं तब वे कक्षा 6 की छात्रा थीं और स्कूल की दीवार फांदकर रैली में शामिल हो जाती थीं। कमला स्वाधीन के पति इन्द्रदत्त स्वाधीन भी स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया।
Independence Day Special Story: कमला स्वाधीन ने आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देशभक्ति उनके व्यवहार में झलकती थी। उनके साहसी कदमों ने फिरंगियों की नाक में दम कर दिया था।
जब महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी पं. अभिन्नहरि को दिल्ली बुलाया तो वे वहां से एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर लौटे। पुलिस को इसकी भनक लग गई और उन्होंने पंडित अभिन्नहरि सहित उनसे मिलने आए अन्य सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पूरे क्षेत्र में क्रांति की लहर दौड़ गई। उस समय कमला स्वाधीन टिपटा स्कूल में कक्षा छह की छात्रा थीं।
जब भी स्कूल के बाहर जुलूस निकलते तो हैड मिस्ट्रेस स्कूल का दरवाजा बंद कर देतीं, लेकिन कमला दीवार फांदकर जुलूस में शामिल हो जाती थीं। नागेन्द्र बाला और योगेन्द्र बाला के नेतृत्व में जुलूस निकलते और कमला स्वाधीन अन्य छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर ‘नहीं रखनी जालिम सरकार, नहीं रखनी’ जैसे क्रांतिकारी नारे लगातीं। अंग्रेजी हुकूमत का उन्हें भय नहीं था।
स्वाधीन का मानना था कि भारत ने हर क्षेत्र में तरक्की की और आज दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है। लेकिन अब भी देश को महंगाई, बेरोजगारी और महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों से आजादी पाने की जरूरत है। स्वाधीन चाहती थीं कि सिविल लाइंस स्थित स्कूल का नाम स्वतंत्रता सेनानी इन्द्रदत्त स्वाधीन के नाम पर रखा जाए।
मां स्कूल की छात्रा थी तभी से अंग्रेजों के खिलाफ हो रहे आंदोलन में शामिल हो गई। वह रैलियों में भाग लेती थीं।
-अर्चना, पुत्री