Indian Railways : रेलवे की नई पहल। अब चलती ट्रेन में स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। चलती ट्रेन में प्राथमिक उपचार मिलेगा। पर यह इलाज फ्री नहीं होगा।
Indian Railways : रेलवे की नई पहल। पश्चिम-मध्य रेलवे के कोटा मंडल के यात्री अब चलती यात्रीगाड़ी में टिकट परीक्षक दल के सदस्यों से प्राथमिक उपचार करवा सकेंगे। पर इसके लिए 50 रुपए शुल्क देना होगा। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यात्री सुविधा के मद्देनजर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनीष तिवारी के मार्गदर्शन में कोटा मंडल ने चलती ट्रेनों में आपातकालीन परिस्थिति में यात्रियों के प्राथमिक उपचार के लिए एक सकारात्मक पहल की है। अभी तक केवल यात्रियों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था यात्रीगाड़ी के रेल प्रबंधक (गार्ड) एवं स्टेशन पर स्टेशन अधीक्षक के पास उपलब्ध होती थी।
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे मंडल ने 28 जून को यात्री ट्रेनों के सभी टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई) को प्राथमिक उपचार किट जारी किए। इस फस्ट एड किट में सामान्य उपचार से संबंधित सभी 13 प्रकार की दवाईयां रेल में टिकट चेकिंग स्टाफ के पास ड्यूटी के दौरान उपलब्ध होगी। जिसे चेकिंग स्टाफ को अपने साथ में रखना अनिवार्य है। जिसे कोई भी यात्री आपातकालीन परिस्थितियों में शुल्क 50 रूपए देकर प्राथमिक उपचार सुविधा का चलती गाड़ी में ले सकता है।
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सूत्रों के अनुसार किसी यात्री को प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होने पर चलती ट्रेन के आन ड्यूटी टीटीई से सम्पर्क कर सकता है। तत्पश्चात आनड्यूटी चेकिंग स्टाफ टेलीफोनिक डॉक्टर परामर्श के उपरान्त संबंधित यात्री को दवा उपलब्ध कराएगा।
आवश्यक दवाएं डॉक्टर के परामर्श पर जिस भी यात्री को मेडिकल सहायता के लिए दी जाएगी, उस प्राप्तकर्ता तथा उसे दी गयी दवा का ब्यौरा, यात्री का नाम, लिंग, उम्र, पीएनआर, कोच संख्या, बर्थ संख्या, यात्रा स्टेशन का नाम, गंतव्य स्टेशन का नाम एवं परामर्शदाता डॉक्टर का नाम रिकार्ड के लिए दर्ज किया जाएगा।
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