गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार और किसानों को मुआवजा राशि भी मिलना तय हो गया है। लेकिन यह राशि कब खाते में आएगी किसानों को इसका इंतजार हैं।
खरीफ फ़सल से हाथ धोने वाले किसानों को अब सरकार से मुआवजे की उम्मीद है, जो गिरदावरी का कार्य भी करवा चुकी है। लेकिन उसकी तरफ से राहत पैकेज का एलान नहीं किया गया। रामगंजमंडी उपखंड में इस बार अतिवृष्टि ने खरीफ फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। सरकार ने अतिवृष्टि की बात मानकर किसानों को राहत दिलवाने के लिए गिरदावरी भी करवा ली।
गिरदावरी में फसलों में खराब 40 प्रतिशत से ज्यादा आने का जिक्र किया गया है। गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार और किसानों को मुआवजा राशि भी मिलना तय हो गया है। लेकिन यह राशि कब खाते में आएगी किसानों को इसका इंतजार हैं।
गत वर्ष नवरात्र से पहले मंडी में 6 हजार बोरी सोयाबीन की आवक हुई थी। इस बार तीन दिन की छुट्टी के बाद दशहरा पर्व बाद यह हालात बने है। दीपावली से पहले यहां गत वर्ष 25 हजार बोरी आवक पहुंच गई थी। इस बार ऐसा मौका आएगा या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी।
तीन दिन बाद शुक्रवार को मंडी में कारोबार चालू हुआ तब दो शेड में सोयाबीन की आवक थी। अभी शेड से बाहर सड़कों तक उसका फैलाव नहीं हुआ है। खरीफ में सोयाबीन की फसल अच्छी होने पर ऐसे भी मौके आए, जब नीलामी यार्ड तक में सोयाबीन की ढेरिया करनी पड़ी थी।
सोयाबीन की फसल एमपी में दो से ढाई क्विंटल तक प्रति बीघा बैठी है, वहां से आने वाली सोयाबीन का दाना भी मोटा है, जबकि रामगंजमंडी क्षेत्र से आने वाली सोयाबीन का दाना इस बार अतिवृष्टि से बड़ा आकार नहीं ले पाया। जिससे उसकी उपज को ग्रहण लगा। मंडी में एमपी व झालावाड़ जिले व रामगंजमंडी के ग्रामीण इलाकों से सोयाबीन आ रही है। रामगंजमंडी उपखंड से आने वाली सोयाबीन के ढेरियों के दाने को देखकर अब व्यापारी भी समझने लगे हैं कि छोटा दाना रामगंजमंडी क्षेत्र का ही हो सकता है।