प्याज और लहसुन की कीमतों में बीते एक सप्ताह के दौरान तेज उछाल दर्ज किया गया है। निर्यात पर लगी पाबंदी हटने और मंडियों में सीमित आवक के चलते भाव लगभग दोगुने हो गए हैं।
Garlic-Onion Price Increased: देश से प्याज के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटते ही थोक और खुदरा बाजार में इसका साफ असर दिखाई देने लगा है। निर्यात खुलने और मंडियों में माल की सीमित आवक के चलते प्याज के भावों में उछाल आया है।
यह स्थिति जहां आम उपभोक्ताओं के रसोई का बजट बिगाड़ रही है, वहीं लंबे समय से घाटे का सामना कर रहे प्याज उत्पादक किसानों के लिए राहत लेकर आई है।
मंडी व्यापारियों के अनुसार, निर्यात पर लगी रोक के दौरान प्याज के भाव काफी नीचे चले गए थे। इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही थी। अब निर्यात खुलते ही मांग में तेजी आई है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है।
व्यापारी मुकेश कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से प्याज के निर्यात खोलने से भावों में वृद्धि हुई है। प्याज के भाव औसतन 10 से 15 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए, जबकि 15 दिन में यही भाव 6 से 8 रुपए प्रति किलो के आसपास थे।
व्यापारी वर्द्धमान जैन ने बताया कि लहसुन के भाव 40 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 160 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि पहले 20 से 100 रुपए प्रति किलो थे। लहसुन के दाम दोगुने हो गए हैं। इसके दो कारण हैं। एक तो माल बहुत कम बचा है। दूसरा, नया माल आने में समय लगेगा। मार्च के अंत तक ही नया माल आएगा। ऐसे में तीन माह का समय बचेगा। इस कारण लहसुन के दामों के बढ़ोतरी हुई है।
पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश ने भी प्याज उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। कई इलाकों में प्याज की पौध नष्ट हो गई, जिससे किसानों को दोबारा नर्सरी तैयार कर खेतों में रोपाई करनी पड़ी। इससे लागत में इजाफा हुआ। अब निर्यात खुलने से किसानों को पिछले सीजन की तुलना में बेहतर भाव मिलने की उम्मीद जगी है। किसानों का कहना है कि यदि बाजार में यही रुझान बना रहा तो उन्हें उनकी मेहनत और लागत का उचित मोल मिल सकेगा।
पिछले कुछ दिनों में लहसुन के दामों में इजाफा हुआ है। लहसुन के भाव दोगुने हो गए। इससे किसानों को फायदा मिल रहा है। इन दिनों मंडी में लहसुन की चार हजार कट्टों की आवक हो रही है।
महेश खण्डेलवाल, महामंत्री, कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन