सरकार की ओर से ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें प्राचीन जलस्रोतों की सफाई की जा रही और लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन शहर के प्राचीन रंगबाड़ी तालाब शासन-प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहा है।
Kota.सरकार की ओर से ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें प्राचीन जलस्रोतों की सफाई की जा रही और लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन शहर के प्राचीन रंगबाड़ी तालाब शासन-प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहा है। आसपास के लोगों ने भी इस तालाब को कचरापात्र बना दिया है। कचरा डालने और सीवरेज का गंदा पानी तालाब में आने से दुर्गंध फैल रही है। जबकि तालाब से सटा ही रंगबाड़ी बालाजी का प्राचीन मंदिर है।
रंगबाड़ी के बालाजी मंदिर के पास स्थित रियासतकालीन रंगबाड़ी तालाब अब दुर्दशा का शिकार है। तालाब की पाल के चारों ओर कचरा, गंदगी और कीचड़ का अंबार लगा है। पाल भी जर्जर हो रही है। मैन रोड के किनारे तालाब की पाल पर बनी दीवार पर की जालियों के सरिये उखड रहे हैं। दीवार जर्जर हो गई है। तालाब के मौखे अवरुद्ध हो रहे हैं। ड्रैनेज सिस्टम प्रोपर नहीं होने से बस्ती का गंदा पानी तालाब में गिर रहा है। तालाब पर बनाया गया घाट जर्जर हो रहा है। क्षेत्रवासियों के अनुसार तालाब की मरमत व सौंन्दर्यीकरण हो जाए तो उपयोगी हो सकता है।