लखीमपुर खेरी

Durga Shakti Nagpal का सख्त कदम: 12 विभागों के अफसरों का वेतन रोका, रैंकिंग सुधारने का निर्देश

Durga Shakti Nagpal Action: लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में गिरावट पर 12 विभागों के अधिकारियों का जनवरी माह का वेतन रोक दिया। अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए सुधार लाने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने अपनी सख्त कार्यशैली से प्रशासनिक जवाबदेही का मजबूत संदेश दिया है।

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सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में गिरावट पर हुई सख्त कार्रवाई

Durga Shakti DM Action: लखीमपुर खीरी में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने प्रशासनिक लापरवाही पर सख्त कदम उठाते हुए 12 विभागों के अधिकारियों का जनवरी माह का वेतन रोक दिया है। यह कार्रवाई सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में जिले की खराब स्थिति को लेकर की गई। जिले की रैंकिंग दिसंबर में 57 पर पहुंच गई थी, जबकि अक्टूबर में यह रैंकिंग 33 थी। इस गिरावट ने डीएम को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

उत्तर प्रदेश में सीएम डैशबोर्ड के तहत जिलों की परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग की जाती है। इसमें प्रशासनिक कार्यों की गति और गुणवत्ता का आकलन किया जाता है। लखीमपुर खीरी की रैंकिंग लगातार गिरने के बाद जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में स्पष्ट किया गया कि उनकी लापरवाही और कार्य में ढिलाई के कारण जिले की रैंकिंग प्रभावित हुई।

किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

जिन 12 विभागों के अधिकारियों का वेतन रोका गया है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)
  • समाज कल्याण अधिकारी
  • एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग
  • डीपीआरओ (जिला पंचायत राज अधिकारी)
  • पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी
  • कृषि अधिकारी
  • एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन)
  • ग्रामीण अभियंत्रण विभाग
  • पर्यटन अधिकारी
  • अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
  • एक्सईएन, जल निगम
जिले की ओवरऑल रैंकिंग में सुधार लाने की सख्त हिदायत

कलेक्टर ने खुद छोड़ा वेतन
दिलचस्प बात यह है कि डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने खुद का वेतन भी रोकने का निर्णय लिया। उन्होंने इसे जिले के अधिकारियों को अनुशासन और जवाबदेही का संदेश देने का कदम बताया। डीएम ने कहा कि वेतन रोकने का उद्देश्य केवल दंडित करना नहीं, बल्कि जिला प्रशासन को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करना है।

अधिकारियों को चेतावनी और हिदायत
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि जनवरी माह की रैंकिंग में सुधार लाना अनिवार्य है। यदि जिले की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रमुख कारण और रैंकिंग में गिरावट के प्रभाव

  • रैंकिंग में गिरावट के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
  • विभागीय समन्वय की कमी: विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो सका।
  • लक्ष्यों की पूर्ति में देरी: विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्यों को समय पर पूरा नहीं किया गया।
  • जवाबदेही की कमी: अधिकारियों की लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति ने भी जिले की रैंकिंग को प्रभावित किया।

सरकार के निर्देश और स्थानीय प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों की रैंकिंग सुधारने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। लखीमपुर खीरी में हुई इस कार्रवाई को अन्य जिलों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

जनता की प्रतिक्रिया
डीएम द्वारा उठाए गए इस कदम को जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने से जिले में विकास कार्यों में तेजी आएगी।

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का रुख
दुर्गा शक्ति नागपाल, जो अपनी सख्त कार्यशैली और अनुशासन प्रियता के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने कहा कि "प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। यदि अधिकारी अपने कार्य को पूरी गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।"

भविष्य की कार्रवाई
डीएम ने स्पष्ट किया है कि यदि फरवरी में भी जिले की रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही, जो अधिकारी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

लखीमपुर खीरी में जिलाधिकारी द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम ने प्रदेश भर में प्रशासनिक हलचल मचा दी है। यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि इसे सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

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