टेक्नोलॉजी

फिर डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 1.16 लाख ठगे, तेजी से बढ़ रही धांधली, बचने के लिए Cyber Safety Tips जरूरी

Cyber Safety Tips: आजकल धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और जालसाज नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक 45 साल की महिला से 1.16 लाख रुपये ठग लिए गए। इस तरह के साइबर फ्रॉड केस देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार भी […]

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Feb 10, 2025

Cyber Safety Tips: आजकल धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और जालसाज नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक 45 साल की महिला से 1.16 लाख रुपये ठग लिए गए। इस तरह के साइबर फ्रॉड केस देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार भी इसको लेकर जागरूक कर रही है ताकि Cyber Fraud से बचा जा सके। साथ ही हम "पत्रिका रक्षा कवच" के जरिए भी अभियान चलाकर आमजनों को साइबर क्राइम से बचाने की पहल कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आप इस तरह की साइबर ठगी से कैसे बच सकते हैं।

Cyber Crime Safety Tips | साइबर क्राइम से बचने के उपाय

हम आपको साइबर फ्रॉड के केस को समझाते हुए, ये बताते चलेंगे कि आप किस तरह से साइबर फ्रॉड से खुद को बचा सकते हैं।

कैसे हुई धोखाधड़ी?

मुंबई की एक कंपनी में रिकवरी एजेंट के रूप में काम करने वाली महिला को एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और उस पर ड्रग डील और अवैध बैंक ट्रांजैक्शन में शामिल होने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, जालसाज ने कहा कि महिला के पास कई डेबिट कार्ड और पासपोर्ट हैं, जो गैर-कानूनी है।

फिर, उसे एक "सीनियर अधिकारी" से बात करने के लिए कहा गया और व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति से मिलवाया गया, जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया।

महिला से आधार कार्ड की जानकारी मांगी गई, और फिर उसे एक फर्जी कोर्ट वारंट और आरबीआई का नोटिस भेजा गया, जिससे उसे यह मामला असली लगने लगा।

डर और घबराहट में महिला ने 1 लाख रुपये दो बार में ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन, जालसाजों ने फिर कॉल करके 16,000 रुपये और मांगे। जब महिला ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो वे गायब हो गए और कॉल उठाना बंद कर दिया।

ऐसे धोखाधड़ी से बचें

अनजान कॉल्स पर संदेह करें -अगर कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करे, तो तुरंत भरोसा न करें। पहले इसकी जांच करें।
व्यक्तिगत जानकारी न दें- कभी भी फोन या वीडियो कॉल पर आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें -
किसी भी कॉल या मैसेज पर भरोसा करने से पहले, सरकारी या संबंधित एजेंसी की वेबसाइट से संपर्क करें।
जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर न करें - जालसाज अक्सर लोगों पर दबाव बनाते हैं कि वे तुरंत पैसे भेज दें। हमेशा सतर्क रहें और किसी भरोसेमंद व्यक्ति से सलाह लें।

स्मार्टफोन और लैपटॉप या डेस्कटॉप की सेफ्टी भी जरूरी

साइबर अपराधी केवल ऑनलाइन बैंकिंग या डिजिटल ट्रांजैक्शन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे स्मार्टफोन, लैपटॉप और डेस्कटॉप को भी निशाना बना रहे हैं। वायरस, फिशिंग, डेटा चोरी और रैंसमवेयर अटैक के जरिए साइबर ठग आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं। ऐसे में, मजबूत पासवर्ड का यूज करना, एंटीवायरस अपडेट रखना, संदिग्ध लिंक या ईमेल से बचना और नियमित डेटा बैकअप लेना बेहद जरूरी हो गया है। साथ ही, पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने में सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि यह भी एक बड़ा साइबर जोखिम हो सकता है।

Cyber Crime Helpline Number | साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर

भारत में साइबर फ्रॉड से बचाव और शिकायत दर्ज कराने के लिए सरकार ने एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखा है। अगर आप किसी भी तरह के ऑनलाइन धोखाधड़ी, बैंकिंग फ्रॉड, फिशिंग, या अन्य साइबर अपराध के शिकार हुए हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या National Cyber Crime Reporting Portal पर अपनी शिकायत दर्ज करें।

यह हेल्पलाइन 24x7 उपलब्ध है और तेजी से कार्रवाई करने के लिए इसे बनाया गया है, ताकि आपके पैसे और डेटा को सुरक्षित रखा जा सके।

भारत में बढ़ रहा है साइबर ठगी का ग्राफ, 2024 में 22,812 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

भारत में साइबर अपराध के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि, बीते चार सालों में 33,165 करोड़ रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं। जिसमें से अकेले 2024 में 22,812 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है।

गृह मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (NCRP) के डेटा के मुताबिक जो आंकड़े आये हैं वो हैरान कर देने वाले हैं।

NCRP के हिसाब से 2021 में 551 करोड़ रुपये की ठगी हुई।
2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 2,306 करोड़ रुपये हो गया।
2023 में 7,496 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी हुई।
2024 में सबसे ज्यादा 22,812 करोड़ रुपये की ठगी हुई।

शिकायतों की संख्या भी तेजी से बढ़ी

2021 - 1,37,254 शिकायतें
2022 - 5,15,083 शिकायतें
2023 - 11,31,649 शिकायतें
2024 - 17,10,505 शिकायतें

सरकार का बड़ा कदम: e-FIR सिस्टम लाने की तैयारी

साइबर अपराधों में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय को एक e-FIR सिस्टम विकसित करने का निर्देश दिया है।

इस सिस्टम के तहत लोग NCRP प्लेटफॉर्म पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
10 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर ठगी के मामलों में e-FIR दर्ज की जा सकेगी।
शिकायत सीधे संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दी जाएगी, जिससे जांच में तेजी आएगी।
दिल्ली पुलिस पहले से ही चोरी और वाहन चोरी के मामलों में e-FIR की सुविधा देती है।

साइबर अपराध रोकने के लिए नया 'सस्पेक्ट रजिस्ट्री' सिस्टम

सरकार ने हाल ही में एक ऑनलाइन संदिग्ध रजिस्ट्री (Suspect Registry) भी शुरू की है, जिसमें 1.4 मिलियन (14 लाख) साइबर अपराधियों का डेटा मौजूद है। पिछले तीन महीनों में इस सिस्टम की मदद से 6 लाख फर्जी ट्रांजैक्शन रोके गए और 1,800 करोड़ रुपये बचाए गए। यह रजिस्ट्री सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, खुफिया एजेंसियों और जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराई गई है। इसे 10 सितंबर को लॉन्च किया गया था।

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