Phone Hacking Alert: Apple और Google ने 150 देशों में जासूसी सॉफ्टवेयर को लेकर चेतावनी जारी की है। जानें क्या आपका फोन भी हैकर्स के निशाने पर है और इंटेलेक्सा स्पायवेयर से बचने के लिए क्या करें।
Phone Hacking Alert: आपके हाथ में जो स्मार्टफोन है, क्या वो सिर्फ आपका है? या फिर कोई हजारों मील दूर बैठकर उसे कंट्रोल कर रहा है? यह सवाल सुनने में डरावना जरूर है, लेकिन हकीकत यही है। दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों ऐपल (Apple) और गूगल (Google) ने एक बहुत बड़ी चेतावनी जारी की है। मामला 150 देशों से जुड़ा है, जहां कुछ बेहद खतरनाक जासूसी सॉफ्टवेयर लोगों के फोन में घुसपैठ करने की फिराक में हैं।
अगर आपको लगता है कि यह सिर्फ अमीर या बड़े लोगों के साथ होता है, तो आपको यह रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए।
लगातार दो दिन, दो बड़ी चेतावनियां हाल ही में 2 दिसंबर को ऐपल ने अपने कई यूजर्स को एक अलर्ट मैसेज भेजा है। इसमें साफ लिखा था कि आप स्टेट स्पॉन्सर्ड (सरकारों से जुड़े) हैकर्स के निशाने पर हो सकते हैं। अभी लोग संभल भी नहीं पाए थे कि अगले ही दिन, 3 दिसंबर को गूगल ने भी इसी तरह की चेतावनी जारी कर दी है।
ये अलर्ट बताते हैं कि खतरा कितना बड़ा है। यह कोई आम हैकिंग नहीं है जहां कोई आपके फेसबुक का पासवर्ड चुरा ले। यह एक बहुत ही महंगा और हाई-टेक जासूसी हमला है, जिसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है।
गूगल की जांच में एक चौंकाने वाला नाम इंटेलेक्सा (Intellexa) सामने आया है। यह एक ऐसी कंपनी है जो जासूसी सॉफ्टवेयर बनाती है। रिपोर्ट बताती है कि भले ही अमेरिका ने इस पर बैन लगा रखा है लेकिन इसका सॉफ्टवेयर अभी भी पाकिस्तान, सऊदी अरब, मिस्र और उज्बेकिस्तान जैसे कई देशों में धड़ल्ले से एक्टिव है।
ये सॉफ्टवेयर इतने शातिर होते हैं कि यूजर को भनक भी नहीं लगती। ये आपके फोन में चुपके से इंस्टॉल हो जाते हैं और फिर जासूसी का खेल शुरू होता है।
जरा सोचिए, आपका फोन आपकी जेब में रखा है, लेकिन उसका कैमरा और माइक अपने आप ऑन हो जाए। ये स्पायवेयर ठीक यही काम करते हैं। एक बार फोन में घुसने के बाद ये हैकर्स आपकी हर कॉल सुन सकते हैं, आपके मैसेज पढ़ सकते हैं, गैलरी की फोटोज देख सकते हैं और आपकी लाइव लोकेशन भी ट्रैक कर सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि जब ऐपल और गूगल जैसी कंपनियां चेतावनी भेजती हैं तो इसका मतलब है कि उन्होंने हमले को पकड़ लिया है। इससे हैकर्स का महंगा ऑपरेशन बेकार हो जाता है और उनकी पोल खुल जाती है। लेकिन चिंता की बात यह है कि जासूसी के बाजार में ऐसी कंपनियां कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रही हैं जो निजता (Privacy) के लिए बड़ा खतरा हैं।
अब सवाल है कि क्या हम इससे बच सकते हैं? कंपनियों ने कुछ बहुत ही आसान और जरूरी सलाह दी हैं।
अगर आपको ऐसा कोई चेतावनी वाला मैसेज मिलता है तो उसे हल्के में न लें और तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लें। सतर्क रहें, क्योंकि आज के डिजिटल दौर में सावधानी ही बचाव है।