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Aluminium Cookware: कहीं आपका एल्युमिनियम बर्तन एक्सपायर तो नहीं हो गया? BIS ने दी चेतावनी, पुराना बर्तन सेहत के लिए खतरा

Aluminium Cookware: एल्युमिनियम बर्तनों की भी एक एक्सपायरी डेट होती है और इन्हें कुछ महीनों के भीतर बदल देना चाहिए। इस आर्टिकल से जानें आखिर क्यों अल्युमिनियम के बर्तनों को बदलना जरूरी है।

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Jun 25, 2025
aluminium utensils

Aluminium Cookware: भारतीय रसोई में एल्यूमीनियम के बर्तन काफी आम हैं, लेकिन अगर आप कई सालों से एक ही कढ़ाई या भगोना इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाइए। हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के एक कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि अल्युमिनियम बर्तनों की भी एक एक्सपायरी डेट होती है और इन्हें हर 12 से 24 महीने के बीच बदल देना चाहिए।जानिए इस लेख के जरिए क्यों जरूरी है एल्यूमीनियम बर्तनों को समय पर बदलना।

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क्यों जरूरी है एल्यूमीनियम बर्तनों को समय पर बदलना

BIS अधिकारियों के अनुसार, एल्यूमीनियम एक नरम धातु है, जो ज्यादा तापमान पर इस्तेमाल करने से जल्दी खराब हो जाती है। हल्के और पतले एल्यूमीनियम बर्तन आमतौर पर केवल 1 साल तक चलते हैं, जबकि मीडियम और हेवी क्वालिटी वाले बर्तन 2 साल तक टिक सकते हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बर्तनों की कोटिंग उतरने लगती है। इससे खाने में हानिकारक धातुएं जैसे सीसा (लेड), कैडमियम, मरकरी और हेक्सावेलेंट क्रोमियम मिल सकते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक होते हैं।

BIS का नया नियम क्या है

BIS Recommendations for Aluminium Cookware

-BIS और बर्तन निर्माताओं की सलाह है कि हर 12 से 24 महीने में बर्तन बदलना जरूरी है।यह अवधि बर्तन की क्वालिटी और उपयोग पर निर्भर करती है।
-नए नियमों के अनुसार, अब हर एल्यूमीनियम बर्तन पर उसका ग्रेड स्पष्ट रूप से लिखा होना अनिवार्य है।
-बर्तनों में लेड, कैडमियम, मरकरी और हेक्सावेलेंट क्रोमियम की मात्रा 0.05% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हेवी क्वालिटी के बर्तनों को भी जरूरत से ज्यादा तापमान पर इस्तेमाल किया जाए, तो वे कुछ -ही महीनों में खराब हो सकते हैं।
-हल्के बर्तन आमतौर पर एक साल से कम समय में ही खराब हो जाते हैं।

ग्रेड कैसे पहचानें?

-ग्रेड 19000 – 99% शुद्ध एल्यूमीनियम, लेकिन यह नरम होता है।
-ग्रेड 63540 या 60342 – मिश्र धातु वाले बर्तन ज्यादा मजबूत होते हैं, लेकिन इन्हें बनाने में एल्यूमीनियम के साथ दूसरी धातुएं भी मिलाई जाती हैं।

एल्यूमिनियम बर्तन के नुकसान

स्किन एलर्जी का खतरा
कुछ लोगों को एल्यूमिनियम बर्तनों से स्किन एलर्जी या रिएक्शन हो सकता है, जिससे खुजली और जलन हो सकती है।

खरोंच और बैक्टीरिया
एल्यूमिनियम बर्तन आसानी से खरोंच जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया छिप सकते हैं और खाना दूषित हो सकता है।

हाई हीट पर इस्तेमाल न करें
तेज आंच पर एल्यूमिनियम बर्तन खराब हो सकते हैं, धातु का रिसाव भी हो सकता है।

डिसकलरेशन
एल्यूमिनियम बर्तन समय के साथ पीले या काले पड़ सकते हैं, जिससे बर्तन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

लाइफस्टाइल टिप्स

-हर साल अपने एल्यूमीनियम बर्तनों की जांच करें।
-अगर कोटिंग उतरने लगी है या बर्तन का रंग बदल रहा है, तो तुरंत बदलें।
-हेवी ग्रेड या एनोडाइज्ड एल्यूमीनियम बर्तन चुनें, ये अधिक टिकाऊ होते हैं।
-अगर बजट की सुविधा हो तो ट्राई-प्लाई या स्टेनलेस स्टील बर्तनों में निवेश करें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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