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Black Pepper in Winter: ठंड के मौसम में काली मिर्च क्यों इम्युनिटी के लिए जरूरी मानी जाती है?

Black Pepper in Winter: सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंड, खांसी-जुकाम और कमजोर इम्युनिटी की समस्या लेकर आता है। ऐसे में रसोई में मौजूद कुछ साधारण मसाले हमारी सेहत के लिए किसी औषधि से कम नहीं होते।

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Dec 17, 2025
Black Pepper Winter Health Tips|फोटो सोर्स - Freepik

Black Pepper in Winter: ठंड के मौसम में शरीर को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान सर्दी-खांसी, जुकाम और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में रसोई में आसानी से मिलने वाली काली मिर्च एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करती है। इसकी गर्म तासीर शरीर को अंदर से गर्म रखती है और मौसम बदलने से होने वाली परेशानियों से बचाने में मदद करती है। आयुर्वेद में भी काली मिर्च को पाचन सुधारने, बलगम कम करने और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाला मसाला माना गया है, इसलिए सर्दियों में इसे डाइट का हिस्सा बनाना खास फायदेमंद माना जाता है।

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सर्दी-खांसी का पक्का दुश्मन

सर्दियों में सबसे बड़ी आफत होती है वायरल इन्फेक्शन। जरा सी हवा लगी नहीं कि जुकाम जकड़ लेता है। काली मिर्च में 'पाइपरिन' नाम का एक खास तत्व होता है। आसान भाषा में कहें तो यह आपके शरीर का बॉडीगार्ड है। यह आपकी इम्युनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत को इतना बढ़ा देता है कि छोटे-मोटे वायरस आपके पास फटकते भी नहीं। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण आपको सीजनल फ्लू से बचाकर रखते हैं।

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ठंड के मौसम में हमारी डाइट थोड़ी भारी हो जाती है। घी के पराठे, गाजर का हलवा और पकौड़े… जुबान को तो अच्छे लगते हैं, लेकिन पेट की हालत खराब हो जाती है। नतीजतन- गैस, एसिडिटी और भारीपन।काली मिर्च की तासीर गर्म होती है। जब आप इसे खाने में शामिल करते हैं, तो यह पेट में पाचक रसों (Digestive Enzymes) को एक्टिव कर देती है। इससे आपका भारी-भरकम खाना भी आसानी से पच जाता है और पेट हल्का महसूस होता है।

बंद नाक और गले का 'रामबाण' इलाज

अगर सुबह उठते ही गला खराब लगे या नाक बंद हो, तो कफ सिरप पीने से पहले काली मिर्च आजमाकर देखें। यह एक नेचुरल डिकंजेस्टेंट है, यानी यह जमा हुआ कफ और बलगम बाहर निकालने में मदद करती है। आयुर्वेद में सदियों से गले की खराश और छाती के जकड़न के लिए इसका इस्तेमाल होता आ रहा है।

वजन भी नहीं बढ़ने देगी

सर्दियों का एक साइड इफेक्ट यह भी है कि रजाई से निकलने का मन नहीं करता, वॉक छूट जाती है और वजन बढ़ने लगता है। यहां भी काली मिर्च आपके काम आएगी। यह शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज करती है। इसका मतलब है कि आप बैठे-बैठे भी थोड़ी बहुत कैलोरी बर्न कर रहे होते हैं। तो अगर आप वजन को लेकर फिक्रमंद हैं, तो इसे डाइट में जरूर शामिल करें।

सुस्ती भगाए, मूड बनाए

धूप न निकलने पर कई बार मन उदास और सुस्त सा रहता है। काली मिर्च शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है, जिससे दिमाग तक ऑक्सीजन सही से पहुंचती है। इससे आपकी सुस्ती दूर होती है और आप ज्यादा एक्टिव और फोकस महसूस करते हैं।

इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Black Pepper)

  • शहद के साथ: अगर खांसी है, तो एक चम्मच शहद में चुटकी भर पिसी काली मिर्च मिलाकर चाट लें।सूप या सलाद: उबले अंडे, सूप या सलाद के ऊपर नमक के साथ थोड़ी काली मिर्च छिड़कें।
  • हल्दी-दूध: रात को दूध पीते हैं? तो हल्दी के साथ थोड़ी सी काली मिर्च मिला लें, इससे हल्दी का असर दोगुना हो जाता है।
  • चाय या हर्बल ड्रिंक में मिलाएं: गुनगुने पानी या हर्बल टी में थोड़ी सी काली मिर्च डालें, यह शरीर को गर्म रखती है और इम्युनिटी मजबूत करती है।
  • खानों में मसाले के रूप में: सब्जी, दाल या सूप में ताजी पिसी काली मिर्च डालने से स्वाद बढ़ता है और पाचन बेहतर होता है।
  • सूप और स्टॉक में डालें: विंटर सूप में काली मिर्च मिलाने से मौसमी इंफेक्शन से बचाव में मदद मिलती है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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Published on:
17 Dec 2025 01:03 pm
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