Black Pepper Winter Benefits: आयुर्वेद में काली मिर्च को गर्म तासीर वाली औषधि माना जाता है, जो जोड़ों के दर्द, सूजन और ठंड से होने वाली कई दिक्कतों में राहत पहुंचा सकती है। बदलते मौसम में इसे सही तरीके से अपनी दिनचर्या में शामिल करने से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होती है।
Black Pepper Winter Benefits: काली मिर्च सिर्फ आपके खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि सर्दियों में यह शरीर की सुरक्षा ढाल की तरह काम करती है। आयुर्वेद में इसे गर्म तासीर वाली औषधि माना जाता है, जो जोड़ों के दर्द, सूजन और ठंड से होने वाली कई दिक्कतों में राहत पहुंचा सकती है। बदलते मौसम में इसे सही तरीके से अपनी दिनचर्या में शामिल करने से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होती है, बल्कि शरीर को ठंड और मौसमी बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी मिलती है। जानिए, काली मिर्च को कब और किस तरह लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है।
ठंड बढ़ते ही कई लोगों को घुटनों और जोड़ों में खिंचाव महसूस होने लगता है। इस मौसम में तिल के तेल को गर्म करके उसमें कुछ काली मिर्च पकाई जाए और फिर उसी तेल से हल्की मालिश की जाए, तो सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है। तेल की गर्माहट जकड़न खोलने में मदद करती है।
अगर खांसी लंबे समय तक पीछा नहीं छोड़ रही हो, तो काली मिर्च और शहद का आसान-सा मिश्रण काफी राहत देता है। 4–5 काली मिर्च को हल्का सा कूट लें और गुनगुने शहद में मिलाकर खाएं। यह सूखी और कफ वाली दोनों तरह की खांसी में आराम पहुंचाता है। साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, जिससे संक्रमण जल्दी नहीं चढ़ता।
सर्दियों में कई लोगों के हाथ-पैर बर्फ जैसे ठंडे हो जाते हैं। ऐसे में अदरक और काली मिर्च का उबला हुआ पानी या इन दोनों से बनी हल्की-सी चाय शरीर को अंदर से गर्म करती है। यह न सिर्फ ठंड भगाती है, बल्कि जमे हुए कफ को भी ढीला करती है।
ठंडी हवा सीधे गले पर असर डालती है। आवाज भारी हो जाए या टॉन्सिल में दर्द होने लगे, तो काली मिर्च को थोड़ा-सा भूनकर लेना काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे गले की जलन कम होती है और आवाज वापस सामान्य होने लगती है।
काली मिर्च से बना हल्का काढ़ा सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार और गले के संक्रमण में कारगर माना जाता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। बच्चे और बुजुर्ग भी इसे ले सकते हैं, बस मात्रा संतुलित रखनी जरूरी है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।