Christmas 2025: भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में क्रिसमस मनाने के अपने-अपने अनोखे तरीके हैं। कहीं सैंटा क्लॉज का बेसब्री से इंतजार होता है, तो कहीं परिवार के साथ खास दावत इस त्योहार का केंद्र होती है।
Christmas 2025: क्रिसमस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, उम्मीदों और साथ बिताए पलों का जश्न है। दुनिया के अलग-अलग देशों में इसे मनाने के तरीके भी उतने ही खास और रंगीन हैं। कहीं बच्चे सैंटा क्लॉज के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं, तो कहीं परिवार और दोस्तों के साथ पारंपरिक दावतें सजती हैं। 2025 में भी क्रिसमस का उत्साह पूरी दुनिया में अलग-अलग रिवाजों, सजावट और स्वादों के साथ देखने को मिलेगा, जो इस त्योहार को सच मायनों में ग्लोबल सेलिब्रेशन बनाता है।
भारत में क्रिसमस का माहौल दिसंबर की शुरुआत से ही बन जाता है। घरों और चर्चों में रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं। क्रिसमस ट्री को सितारों, घंटियों और सजावटी गेंदों से सजाया जाता है। आधी रात को चर्च में विशेष प्रार्थना होती है और उसके बाद लोग एक-दूसरे को केक और मिठाइयां बांटते हैं।
अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में बच्चों के लिए क्रिसमस का मतलब होता है सैंटा क्लॉज। बच्चे क्रिसमस ईव की रात मोज़े टांगते हैं, इस उम्मीद में कि सैंटा उनके लिए तोहफे लाएंगे। परिवार साथ बैठकर रोस्ट टर्की, पुडिंग और पाई जैसी पारंपरिक डिशेज़ का आनंद लेते हैं।
ब्रिटेन में कैरोल सिंगिंग की खास परंपरा है। लोग चर्च के बाहर और सड़कों पर क्रिसमस गीत गाते नजर आते हैं। यहां क्रिसमस डे पर पूरा परिवार एक साथ बैठकर डिनर करता है, जिसमें क्रिसमस पुडिंग खास मानी जाती है।
जहां दुनिया के कई हिस्सों में क्रिसमस ठंड के मौसम में आता है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में यह गर्मियों का त्योहार है। यहां लोग बीच पर बारबेक्यू, पिकनिक और आउटडोर पार्टियों के साथ क्रिसमस मनाते हैं।
फिलीपींस में क्रिसमस का जश्न सितंबर से ही शुरू हो जाता है। यहां इसे दुनिया का सबसे लंबा क्रिसमस सीजन माना जाता है। चर्च की प्रार्थनाएं, लालटेन और पारंपरिक गीत इस त्योहार को खास बनाते हैं।
भले ही परंपराएं अलग-अलग हों, लेकिन क्रिसमस की असली भावना हर जगह एक जैसी है। प्यार बांटना, परिवार के साथ समय बिताना और जरूरतमंदों की मदद करना। यही वजह है कि क्रिसमस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि इंसानियत और उम्मीद का जश्न बन जाता है।