Scented Candles Side Effects: दिवाली पर घर सजाने के लिए सेंटेड कैंडल्स (Scented Candles) जलाना आम बात है, लेकिन AIIMS डॉक्टर प्रियंका सहरावत ने चेतावनी दी है कि इन खुशबूदार मोमबत्तियों से निकलने वाला धुआं कैंसर और सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। जानें सेंटेड कैंडल्स के साइड इफेक्ट और सेहतमंद विकल्प।
Scented Candles Side Effects: दिवाली का त्योहार रोशनी, सजावट और खुशबू से भरा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो सेंटेड कैंडल्स (Scented Candles) हम घर को महकाने के लिए जलाते हैं, वही हमारी सेहत के लिए खतरा बन सकती हैं? भारत में दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण पहले से ही अपने चरम पर होता है, और ऐसे में इन कैंडल्स से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को और बढ़ा देता है।
अक्सर हम यह मानते हैं कि दिवाली पर हवा सिर्फ पटाखों से खराब होती है, लेकिन AIIMS दिल्ली से प्रशिक्षित जनरल फिजिशियन और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत के अनुसार ऐसा नहीं है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया कि घर में जलने वाली खुशबूदार मोमबत्तियां भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉ. प्रियंका ने लोगों को चेतावनी दी है कि दिवाली पर किसी को भी सेंटेड कैंडल्स गिफ्ट में न दें और न ही खुद इस्तेमाल करें।
डॉ. प्रियंका के अनुसार, इन मोमबत्तियों में कई हानिकारक रसायन होते हैं। जैसे पैराफिन वैक्स, बेंजीन और टोलुइन। जब ये कैंडल्स जलती हैं तो इनमें से अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन निकलते हैं, जो हवा में मिलकर जहरीला प्रभाव छोड़ते हैं। यही सुगंध हमें भले ही अच्छी लगे, लेकिन ये कैंसर उत्पन्न करने वाले यौगिक (Carcinogenic Compounds) की तरह काम करते हैं।
रिसर्च से यह भी साबित हुआ है कि लंबे समय तक सेंटेड कैंडल्स का इस्तेमाल करने से ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
सेंटेड कैंडल्स जलाने वालों में कई लोगों ने सेहत संबंधी परेशानियां बताई हैं, जैसे बार-बार सिर दर्द या चक्कर आना (वर्टिगो), आंखों में जलन या पानी आना, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश या सूखापन, नाक बंद रहना, छींक आना, छाती में भारीपन या टाइटनेस महसूस होना। ये सारे लक्षण हवा में मौजूद जहरीले कणों के कारण बढ़ते हैं। खासतौर पर पैराफिन वैक्स से बनी सस्ती कैंडल्स से ज्यादा टॉक्सिक गैसें और स्मोक निकलते हैं, क्योंकि इनमें निम्न गुणवत्ता वाले वैक्स, डाई और आर्टिफिशियल फ्रेग्रेंस का प्रयोग किया जाता है।
डॉ. प्रियंका सलाह देती हैं कि प्लांट-बेस्ड या नैचुरल कैंडल्स का इस्तेमाल करें। चाहें तो घर पर बनी मोमबत्तियां गिफ्ट करें, जिनमें सिंथेटिक सुगंध या रंग न हों। अगर सेंटेड कैंडल्स का उपयोग करना ही है, तो कमरे को अच्छी तरह वेंटिलेटेड रखें ताकि जहरीले तत्व जमा न हों।