Gen Z में तेजी से वायरल हो रहा है ‘Fridge Cigarette’ ट्रेंड, जिसमें लोग ठंडी डाइट कोक या फिज़ी ड्रिंक पीकर स्ट्रेस कम करते हैं। जानें इस आदत के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक असर।
Fridge Cigarette: आजकल Gen Z ने स्ट्रेस दूर करने का नया तरीका खोज लिया है, और इसमें सिगरेट या निकोटीन का कोई रोल नहीं है। इस ट्रेंड का नाम है फ्रिज सिगरेट। इसमें लोग फ्रिज खोलकर ठंडी डाइट कोक (या कोई भी कोल्ड ड्रिंक, फिजी ड्रिंक) निकालते हैं, कैन खोलते हैं और उसे वैसे ही मजे से पीते हैं जैसे पहले लोग सिगरेट पीकर ब्रेक लिया करते थे। फर्क बस इतना है कि यहां धुआं नहीं है, गिल्ट नहीं है। सिर्फ ठंडी बुलबुलेदार ड्रिंक और एक छोटा-सा मेंटल रीसेट।
कडबम्स हॉस्पिटल्स की सीनियर साइकोलॉजिस्ट नेहा कडबम बताती हैं कि ये ट्रेंड एक इमोशनल कॉपिंग मैकेनिज्म यानी स्ट्रेस को हैंडल करने का तरीका हो सकता है। जब लोग थकान, बर्नआउट या टेंशन महसूस करते हैं तो वे तुरंत राहत पाने के लिए ऐसी छोटी-छोटी आदतों का सहारा लेने लगते हैं। एक ठंडी ड्रिंक पीने से कुछ पल के लिए खुशी, कंट्रोल और डिस्ट्रैक्शन मिल जाता है।
समस्या तब होती है जब ये आदत बार-बार रिपीट होकर हमारी स्ट्रेस से निपटने की मुख्य आदत बन जाए। नींद, बातचीत, एक्सरसाइज या रिलैक्सेशन जैसी हेल्दी आदतों की जगह अगर सिर्फ डाइट कोक पीना ही सॉल्यूशन बन जाए तो दिक्कत बढ़ सकती है।
ऐसी आदतें इसलिए सुकून देती हैं क्योंकि ये आसान, जल्दी और रिपीटेबल होती हैं। जैसे पहले लोग स्मोक ब्रेक लेकर दिमाग को ब्रेक देते थे, वैसे ही अब ये ‘फ्रिज सिगरेट’ लोगों को थोड़ी देर का रिलीफ देती है। लेकिन अगर ऐसे रिचुअल्स सिर्फ इमोशनल सपोर्ट बन जाएं तो डिपेंडेंसी बढ़ सकती है और हेल्दी कॉपिंग स्किल्स पीछे छूट जाते हैं।
मेंटल हेल्थ पर: बार-बार आर्टिफिशियल स्वीटनर वाली ड्रिंक पीने से दिमाग सिर्फ उसी पर रिलैक्स महसूस करने लगेगा। इससे इमोशनल डिपेंडेंसी बढ़ सकती है और ड्रिंक न मिलने पर चिड़चिड़ापन भी आ सकता है।
फिजिकल हेल्थ पर: रिसर्च बताती हैं कि डाइट सोडा भले ही शुगर-फ्री हो, लेकिन इसके स्वीटनर मेटाबॉलिज़्म, भूख और गट हेल्थ पर असर डाल सकते हैं। ज्यादा पीने से मीठा खाने की क्रेविंग भी बढ़ सकती है।