Haldi Wala Doodh Kaise Banaye Benefits: आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन राज ने बताया हल्दी वाला दूध कैसे बनाएं और इसके क्या फायदे हैं। जानें सही रेसिपी, जरूरी मसाले और किसे इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
Haldi Wala Doodh Kaise Banaye Benefits: सर्दी हो, थकान हो या हल्की-फुल्की कमजोरी हल्दी वाला दूध कई लोग तुरंत पी लेते हैं। घरों में इसे छोट-मोटी दिक्कतों की पहली दवा माना जाता है। लेकिन आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन राज बताते हैं कि हल्दी दूध का असली फायदा तभी मिलता है, जब इसे सही मसालों के साथ और सही तरीके से पकाकर बनाया जाए। अक्सर लोग सिर्फ हल्दी डालकर दूध उबाल लेते हैं और समझते हैं कि यही पर्याप्त है, जबकि आयुर्वेद इस विधि को कहीं ज्यादा विस्तार से बताता है। अगर आप भी ऐसे ही पी लेते हैं, तो एक बार इसका सही तरीका जरूर जान लें।
डॉ. अर्जुन राज बताते हैं कि हल्दी दूध हमेशा धीमी आंच पर बनाया जाना चाहिए, ताकि मसालों के गुण बेहतर तरीके से दूध में उतर सकें। एक पैन में एक कप दूध लें और उसे धीर-धीरे गर्म करें। उबलने से पहले ही इसमें ¼ चम्मच हल्दी, चुटकीभर काली मिर्च, ¼ चम्मच दालचीनी, ¼ चम्मच जायफल और चाहें तो ½ चम्मच अदरक मिला दें। अदरक स्वाद को भी बेहतर बनाता है और पाचन को सहारा देता है।
मिश्रण को 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें। जब दूध तैयार हो जाए, तो गैस बंद करके इसे थोड़ा गुनगुना होने दें और फिर इसमें शहद या गुड़ मिलाएं। ध्यान रहे बहुत गर्म दूध में शहद डालना आयुर्वेद में मना किया गया है। अगर मसाले साबुत हों तो दूध को छानकर पीना ज्यादा अच्छा है।
आयुर्वेद में काली मिर्च को हल्दी की ‘सहयोगी’ माना गया है। यह करक्यूमिन के अवशोषण को तेज करती है, जिससे हल्दी का असर और गहरा होता है। दालचीनी न सिर्फ दूध में हल्की मिठास जोड़ती है बल्कि शरीर को गर्म रखने में भी मदद करती है। जायफल का असर थोड़ा शांतिदायक माना जाता है जो रात में नींद के लिए लाभदायक है।
अदरक पाचन को तेज करता है और सर्दी-जुकाम में राहत देता है। इन सबको मिलाकर बना हल्दी दूध एक तरह से औषधीय पेय का रूप ले लेता है जो साधारण दूध की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी होता है।
डॉ. अर्जुन राज की मानें तो कुछ लोगों के लिए हल्दी दूध नुकसान भी कर सकता है। जिन लोगों को पेट में जलन या एसिडिटी की दिक्कत रहती है, उनके लिए हल्दी दूध समस्या बढ़ा सकता है, क्योंकि हल्दी पेट में एसिड का स्तर बढ़ा देती है।
गुर्दे की पथरी वाले मरीजों को भी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि हल्दी में मौजूद ऑक्सेलेट पथरी बढ़ाने का कारण बन सकता है।
कुछ लोगों में हल्दी से एलर्जी भी पाई जाती है जो त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली या सांस लेने में तकलीफ की वजह बन सकती है। वहीं रक्तस्राव से जुड़ी समस्या वाले मरीज या ब्लड-थिनर दवाएं लेने वाले लोग बिना डॉक्टर की सलाह के हल्दी दूध का सेवन बिल्कुल न करें।