Mask for Pollution: दिल्ली में खराब हवा से बचने के लिए लोग मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं। मगर देखिए उनको मास्क के कारण किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं।
Mask for Pollution: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के कारण लोगों की हालत खराब है। इस बीच मास्क पहनकर लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। मगर मास्क (Mask) पहनने के बाद लोगों को अलग तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप भी मास्क पहनने के बाद इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अगर हां, तो आइए हम इस बात को लेकर सावधान हो जाते हैं।
नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने इसको लेकर कहा है कि लोग मास्क पहनकर घरों से बाहर निकल रहे हैं। मगर इससे कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. पाठक के अनुसार, अधिक देर तक मास्क के उपयोग से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर मास्क बहुत टाइट हो, तो यह सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। सांस से संबंधित समस्याएं या हृदय रोग से ग्रसित लोगों को सावधानी के साथ मास्क पहनने की जरूरत है। इसके अलावा, अगर मास्क ज्यादा ढीला है, तो वह हवा को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता।
डॉ. पाठक ने बताया कि अगर आप लंबे समय तक मास्क को पहने रहते हैं तो मास्क के स्ट्रैप के कारण चेहरे पर प्रेशर मार्क्स बन सकते हैं और कानों में इरिटेशन हो सकता है। इसके साथ ही मास्क के लगातार उपयोग से चेहरे पर पसीने और गर्मी की वजह से रैशेज हो सकते हैं, जिसे 'मास्कने' कहा जाता है।
डॉ. मीरा पाठक के अनुसार, अगर हम मास्क का उपयोग वायु प्रदूषण से सुरक्षा के लिए कर रहे हैं, तो हमें सही मास्क चुनना चाहिए। एन 95, एन 99 या केएन 99 मास्क जो फिल्टर के साथ होते हैं, वह प्रदूषण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी होते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सर्जिकल मास्क प्रदूषण से बचने के लिए बेकार साबित होते हैं, क्योंकि ये प्रदूषण के कणों को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं होते।
डॉ. मीरा का कहना है कि अगर मास्क को समय पर नहीं बदला जाए, तो वह संक्रमण का कारण बन सकता है। इसलिए उन्होंने ये सुझाव दिया कि मास्क को 20 से 40 घंटे के बीच बदलना चाहिए। इससे मास्क से होने वाला संक्रमण रोका जा सकता है।