Washing Hair During Periods: सालों से पीरियड्स को लेकर कई तरह की मान्यताएं और परंपराएं चली आ रही हैं। इन्हीं में से एक धारणा है कि पीरियड्स के शुरुआती दिनों में महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए, वरना ब्लीडिंग रुक सकती है या दर्द बढ़ सकता है।
Washing Hair During Periods: हर महीने महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, जो कि शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान गर्भाशय की परत झड़कर ब्लीडिंग के रूप में बाहर निकलती है। लेकिन सालों से पीरियड्स को लेकर कई तरह की मान्यताएं और परंपराएं चली आ रही हैं। इन्हीं में से एक धारणा है कि पीरियड्स के शुरुआती दिनों में महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए, वरना ब्लीडिंग रुक सकती है या दर्द बढ़ सकता है।लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई।
पुराने समय में जब महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती थीं, तब पीरियड्स के दौरान वहां बाल धोने से न सिर्फ पानी अस्वच्छ हो सकता था बल्कि उस समय उपलब्ध साबुन या रीठा जैसे प्राकृतिक पदार्थ शरीर के लिए और भी अधिक जलन पैदा कर सकते थे। इसी कारण महिलाओं को पीरियड्स के शुरुआती दिनों में सिर धोने से मना किया जाता था।कुछ संस्कृतियों में यह भी माना जाता था कि सिर धोने से शरीर का तापमान घटता है, जिससे ब्लीडिंग रुक सकती है या ऐंठन बढ़ सकती है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इस मान्यता को मिथ (Myth) मानता है।पीरियड्स के दौरान सिर धोना ब्लीडिंग को नहीं रोकता और न ही यह किसी तरह से पीरियड्स की प्राकृतिक प्रक्रिया में दखल देता है।हां, अगर बहुत ठंडे पानी से स्नान करें तो शरीर का तापमान थोड़ी देर के लिए बदल सकता है, लेकिन इसका असर मासिक धर्म पर नहीं पड़ता।बाल और स्कैल्प साफ रखना उल्टा महिलाओं के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इस समय पसीना और असुविधा ज्यादा महसूस होती है।
Medicaldialogues के अनुसार यह दावा गलत है। माहवारी के दौरान या किसी खास समय पर बाल धोने से शरीर या ब्लीडिंग पर कोई असर नहीं पड़ता। यह केवल एक आम भ्रांति है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। पीरियड्स के समय भी महिलाएं सामान्य रूप से अपनी सफाई बनाए रख सकती हैं और बाल धो सकती हैं।"