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संबंध बनाते ही मेल पार्टनर को निगल जाती है फीमेल एनाकोंडा, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Why Female Anaconda Eats Male: क्या सच में फीमेल एनाकोंडा मेटिंग के बाद साथी को खा जाती है? जानिए इस सेक्शुअल कैनिबलिज्म (Sexual Cannibalism) के पीछे का वैज्ञानिक कारण।

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Nov 29, 2025
Why Female Anaconda Eats Male After Mating (Image: Freepik)

Why Female Anaconda Eats Male After Mating: जरा सोचिए, अगर प्यार के बाद कोई अपने साथी को ही खा जाए तो? सुनने में यह अजीब लगता है, लेकिन ग्रीन एनाकोंडा की दुनिया में यह हकीकत है। इसे जंगल का क्रूर नियम नहीं, बल्कि जिंदा रहने का एक जरूरी तरीका माना जाता है। एनाकोंडा की यह कहानी आपको वाकई हैरान कर देगी। दुनिया में अजीब आदतों वाले जानवरों की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन ग्रीन एनाकोंडा की यह लव स्टोरी आपको सच में चौंका देगी।

साउथ अमेरिका के जंगलों में रहने वाला एनाकोंडा सांप न सिर्फ साइज में बड़ा होता है, बल्कि इनके रिश्ते भी उतने ही अनोखे होते हैं। यह वैज्ञानिक रूप से सच है कि फीमेल एनाकोंडा मेटिंग के बाद अक्सर अपने मेल एनाकोंडा साथी को खा जाती है। इंसानों को यह क्रूर लग सकता है, लेकिन जंगल में जीने का यही तरीका है, जो फीमेल को गर्भधारण (Pregnancy) के लिए जरूरी पोषण देता है।

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मेल और फीमेल एनाकोंडा के साइज में फर्क

फीमेल एनाकोंडा का साइज (15 से 29 फीट) मेल एनाकोंडा (9 से 14 फीट तक) से बड़ा होता है। साइज का यह अंतर उसे न केवल ज्यादा संख्या में बच्चे पैदा करने की क्षमता देता है, बल्कि मेटिंग के बाद मेल एनाकोंडा को कंट्रोल करते हुए उसे खाने में मदद भी करता है।

ब्रीडिंग बॉल: जहां एक फीमेल के लिए भिड़ जाते हैं 10-13 मेल

एनाकोंडा का मेटिंग किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है। जहां एक फीमेल के लिए 10-13 मेल एक साथ लिपटकर जबरदस्त मुकाबला करते हैं। यह प्रोसेस कई घंटों या दिनों तक चलता है, जिसमें आखिर में सिर्फ एक ही मेल एनाकोंडा सफल हो पाता है। लेकिन इतनी भीड़, दबाव और एनर्जी खत्म हो जाने की वजह से स्थिति ऐसी बन जाती है कि फीमेल उसी मेल को खा जाती है जिसने अभी-अभी उसके साथ मेटिंग किया था।

फीमेल अपने साथी मेल को क्यों खा जाती है?

फीमेल एनाकोंडा प्रेग्नेंट होने की वजह से वह महीनों तक ठीक से शिकार नहीं कर पाती, इसलिए मेल एनाकोंडा को खाना उसके लिए एक ही बार में मिलने वाला सुपरफूड होता है। जिससे उसे प्रोटीन, एनर्जी और बच्चे पैदा करने की ताकत मिलती है। इसके अलावा दलदली इलाकों में शिकार हमेशा नहीं मिलता, इसलिए तुरंत एनर्जी के लिए साथी को खाना उसके लिए आसान और असरदार तरीका होता है।

सबसे चौंकाने वाली बात

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मेल एनाकोंडा को इस खतरे का पता होता है। फिर भी वे जानबूझकर यह रिस्क उठाते हैं, क्योंकि उनके लिए अपनी जान बचाने से ज्यादा जरूरी अपने वंश (Genes) को आगे बढ़ाना होता है। जंगल का नियम इंसान की सोच से अलग है यहां कई बार खुद जिंदा रहने से ज्यादा, अपनी प्रजाति को जिंदा रखना मायने रखता है।

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