SIR Update: ‘आधार कार्ड अब जन्मतिथि का प्रूफ नहीं’ तो क्या SIR से नहीं वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ेगा। जानिए सवाल का जवाब।
SIR Update: उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया में अब आखिरी 6 दिन रह गए हैं। 4 दिसंबर SIR की आखिरी तारीख है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में आधार कार्ड को लेकर बड़ी घोषणा की है। जिसके अनुसार आधार कार्ड केवल परिचय पत्र है। इसका उपयोग जन्म प्रमाण पत्र के रूप में नहीं किया जाएगा।
ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या इसका असर SIR प्रकिया पर भी पड़ेगा, यानी SIR प्रकिया में आधार कार्ड से नाम नहीं जुड़ पाएगा? आपको बता दें कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि नए युवा वोटरों सहित ऐसे सभी मतदाताओं को, जिन्हें अपनी जन्मतिथि और जन्मस्थान से जुड़े दस्तावेज जमा करने होते हैं, केवल आधार कार्ड की कॉपी संलग्न करने पर उनका एन्यूमरेशन फार्म स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जन्मतिथि और जन्मस्थान की पुष्टि के लिए आधार के साथ या उसकी जगह आयोग द्वारा मान्य किए गए अन्य दस्तावेजों में से कम से कम एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि जो वोटर अपने माता-पिता के घर से किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट हो गए हैं, उन्हें अपने नए पते को ‘ऑर्डिनरी रेजिडेंट’ श्रेणी में साबित करने के लिए भी कोई ना कोई मान्य प्रमाण पेश करना होगा।
SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) वोटर लिस्ट की गहन और सूक्ष्म जांच की विशेष प्रक्रिया है। देश में 1951 से 2004 के बीच यह 8 बार लागू की गई। अंतिम बार यह साल 2004 में हुई था।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करना है। इसमें उन सभी मतदाताओं की पहचान कर नाम हटाए जाते हैं—
-जिनकी मृत्यु हो चुकी है
-जो स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट हो गए हैं
-जिनके नाम एक ही राज्य में दो जगह दर्ज हैं
-घुसपैठियों द्वारा बनाए गए फर्जी वोटर कार्ड
-लापता मतदाता
और विदेशी नागरिक जिनके नाम गलती से वोटर लिस्ट में शामिल हो गए
SIR के दौरान ऐसे सभी नामों को व्यवस्थित तरीके से सूची से हटाने की प्रक्रिया की जाती है। जिससे मतदाता सूची पूरी तरह सटीक रहे।