Police Transfer: लखनऊ में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ADG सुजीत पांडेय को पदोन्नत कर डीजी बना दिया गया है, जबकि राजधानी के पूर्वी जोन में निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों और आरक्षियों का व्यापक स्थानांतरण किया गया है। आदेश जारी होने के साथ विभाग में नई कार्यप्रणाली की उम्मीद बढ़ी है।
Police Transfer and Promotion: राजधानी लखनऊ में पुलिस महकमे में हाल ही में हुए तबादलों (reshuffle) के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुजीत पांडेय को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। 1994 बैच के इस अधिकारी को अब यूपी पुलिस में सीधे “डीजी” (Director General) के रूप में प्रमोशन मिल गया है। इसके साथ ही लखनऊ जोन में बड़े पैमाने पर निरीक्षकों, उप-निरीक्षकों और आरक्षियों सहित कई पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण भी किया गया है। इस कदम से पुलिस महकमे के ढांचे में व्यापक बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है, जो राजधानी की law-and-order व्यवस्था को नई दिशा देने की आशा जगाता है।
सुजीत पांडेय 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने पिछले कई वर्षों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने लखनऊ में पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई थी। उनके कार्यकाल के दौरान कमिश्नरेट प्रणाली को मजबूती मिली और शहरी policing में सुधार के कई प्रयास हुए।
नवीनतम आदेश के अनुसार, उन्हें अब पुलिस महानिदेशक (DG) के पद पर प्रोन्नति देकर उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में सर्वोच्च प्रशासनिक स्तर की जिम्मेदारी दी गई है। यह प्रोन्नति उनकी लंबी सेवा, हल-फुलवाड़ा (investigative) पृष्ठभूमि, और प्रशासनिक कुशलता के आधार पर मानी जा रही है। उनके नए पद से उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ एवं प्रदेश स्तर पर कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और पुलिस विभाग के सुधार में एक नए युग की शुरुआत होगी।
सरकार ने हाल ही में जारी किए गए तबादला आदेशों (transfer orders) में राजधानी लखनऊ के पूर्वी ज़ोन समेत कई हिस्सों में व्यापक बदलाव किये हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, निरीक्षक, उप-निरीक्षक, आरक्षियों और अन्य कर्मियों का स्थानांतरण किया गया है। ये तबादले लखनऊ जिले की law-and-order व्यवस्था, थानों की जिम्मेदारी, क्षेत्रों की जांच-पड़ताल, ट्रैफिक पुलिस, पीएसी (Provincial Armed Constabulary) और अन्य यूनिटों में सुधार एवं पुख्ता तरीके से कार्यभार बाँटने के उद्देश्य से किए गए हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार,कुछ पुलिसकर्मियों को अन्य जिलों या मुख्यालयों में तैनात किया गया है। कुछ को थानों व सेक्टरों की जिम्मेदारी दी गयी है, जिससे गश्ती, अपराध नियंत्रण और नागरिक सुरक्षा बेहतर हो सके।कहीं-कहीं पीएसी यूनिटों में भी बदलाव हुआ है, ताकि सशक्ति (force) की उपयुक्त पैठ सुनिश्चित हो सके।
इस प्रकार के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण से पुलिस विभाग में ताजगी आएगी साथ ही संगठनात्मक सुधार, जवाबदेही और बेहतर प्रशासन की दिशा में काम करने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस मुख्यालय ने यह कदम समय की मांग समझकर उठाया है। दो बड़े उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए यह reshuffle किया गया है .
सुजीत पांडेय को DG बनाए जाने से पुलिस महकमे में नेतृत्व का नया मुकाम स्थापित होगा। उनका अनुभव, पिछली जिम्मेदारियाँ और कार्य-पद्धति उन्हें इस चुनौती के लिए उपयुक्त बनाती है।
थानों, यूनिटों और विभागों में रोटेशन व नए पदस्थापन से पुलिसकर्मियों में जवाबदेही बढ़ेगी। इससे पुलिसिंग की गुणवत्ता, त्वरित कार्रवाई, स्थानीय स्तर पर बेहतर उपस्थिति और अपराध नियंत्रण में सुधार की संभावना बढ़ेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह reshuffle प्रदेश में आगामी समय में सुरक्षा व्यवस्था और सुशासन की दिशा में एक मजबूत कदम है।
सरकार द्वारा जारी ट्रांसफर नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जिन अधिकारियों व कर्मियों का स्थानांतरण हुआ है, उन्हें तुरंत नए पद ग्रहण (immediate joining) करना अनिवार्य है। यानी किसी प्रकार की देरी नहीं होगी। साथ ही, पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि नए पदस्थापनों के दौरान कर्मियों को उनके नए क्षेत्राधिकार, थाने या यूनिट की पूरी जानकारी दी जाएगी। इससे प्रशासनिक असुविधा, अवधि-गत रिक्त स्थान या जवाबदेही में कमी नहीं आएगी। इस प्रकार, यह बदलाव सिर्फ नाम बदलने या स्थानांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक समेकित सुधार प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है।