लखनऊ

भूखंड आवंटन घोटाले में अपर्णा यादव की मां अंबी विष्ट पर मुकदमा दर्ज, विजिलेंस जांच में 5 अफसर दोषी…नौ साल से चल रही थी जांच

मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्ति अधिकारी रहने के बाद लखनऊ नगर निगम में कर अधिकारी के तौर पर पदस्थ रहीं। करीब एक साल पहले 30 सितंबर 2024 को वह रिटायर हुई थीं।

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Sep 19, 2025
फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, मुलायम सिंह की समधन पर मुकदमा दर्ज

यूपी में राजनीतिक हलकों में इस समय हलचल मची है, मामला है लखनऊ की बहुचर्चित प्रियदर्शनी-जानकीपुरम योजना में भूखंड आवंटन घोटाले में अपर्णा यादव की मां और LDA की तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अंबी बिष्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले की जांच 2016 से चल रही थी थी। विजिलेंस की खुली जांच में तत्कालीन 5 अफसर दोषी पाए गए हैं। शासन ने पांचों अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद लखनऊ स्थित विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।

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ऐसे हुआ रजिस्ट्री और सील डीड में खेल, FSL लैब में जांचे गए आरोपियों के सिग्नेचर

जानकारी के मुताबिक विजिलेंस जांच में पाया गया कि तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अंबी बिष्ट ने रजिस्ट्री और सेल डीड पर सिग्नेचर किया था । तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कब्जा पत्र जारी किए, जबकि उपसचिव देवेंद्र सिंह राठौड़ ने आवंटन पत्र जारी किए। वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट सुरेश विष्णु और अवर वर्ग सहायक शैलेंद्र कुमार गुप्ता पर भी फर्जी अभिलेख तैयार कर भूखंडों का गलत मूल्यांकन करने का आरोप है।

FSL लैब में जांचे गए आरोपियों के सिग्नेचर

विजिलेंस की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इन पांचों अधिकारियों ने स्वर्गीय मुक्तेश्वर नाथ ओझा के साथ मिलकर आवंटन में हेरफेर की।सभी दस्तावेजों पर मौजूद हस्ताक्षरों की पुष्टि विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) से कराई गई, जो सही पाई गई। अब शासन ने धारा 120-बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू करने का आदेश दिया है।

मुलायम सिंह यादव की समधन हैं अंबी विष्ट

अंबी बिष्ट उत्तर प्रदेश महिला आयोग की वर्तमान उपाध्यक्ष अपर्णा यादव की मां हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद वे अक्सर अखिलेश यादव और विपक्षी दलों पर बयान देती रही हैं। ऐसे में एफआईआर की इस कार्रवाई ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। 2016 में शासन ने इस प्रकरण की खुली जांच का आदेश दिया था। कई रिपोर्ट आने, समीक्षा और मंजूरी के बाद 18 सितंबर 2025 को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया। इसके बाद लखनऊ विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।

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Published on:
19 Sept 2025 03:52 pm
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