लखनऊ

बिहार में मायावती की एंट्री, UP में दिखा असर, ओवैसी संग दोस्ती के रंग

UP Politics: आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव AIMIM और बहुजन समाज पार्टी (BSP) क्या मिलकर लड़ेगी? बिहार में जीते बसपा विधायक ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं।

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Nov 16, 2025
आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव AIMIM और बहुजन समाज पार्टी (BSP) क्या मिलकर लड़ेगी? फोटो सोर्स-IANS

UP Politics: बिहार में NDA की भारी जीत के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी अपना खाता खोलने में सफल रही। सीमांचल में AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 5 सीटों पर जीत दर्ज की। इसी बीच सोशल मीडिया पर BSP के बिहार के रामगढ़ विधानसभा से जीते इकलौते विधायक सतीश उर्फ पिंटू यादव की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है।

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पोस्टर वायरल होने के बाद चर्चा हुई तेज

तस्वीर में उनके साथ BSP के बिहार प्रभारी अनिल चौधरी भी नजर आ रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद जब पिंटू यादव मीडिया से बात कर रहे थे, तब उनके पीछे दो पोस्टर लगे दिखाई दिए। इनमें से एक BSP और दूसरा AIMIM का था। इसी पोस्टर ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है कि क्या उत्तर प्रदेश में BSP और AIMIM आने वाले विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने की तैयारी कर रहे हैं?

AIMIM का बढ़ा वोट शेयर

बिहार में 25 सीटों पर AIMIM ने इस बार चुनाव लड़ा। जिसमें से पार्टी ने अमौर, बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट और बेतिया इन 5 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा बलरामपुर और ठाकुरगंज सीटों पर AIMIM दूसरे स्थान पर रही। AIMIM के कारण महागठबंधन को प्राणपुर, कसबा, अररिया और कोटी इन 4 सीटों पर नुकसान हुआ। इस चुनाव में AIMIM का वोट शेयर भी बढ़ा है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जहां उसका वोट शेयर 1.25% था, वहीं इस बार यह बढ़कर 1.85% तक पहुंच गया। कुल मिलाकर पार्टी को 9,30,504 वोट मिले हैं।

मायावती चुनाव को लेकर कर रही बैठकें

यूपी विधानसभा चुनाव BSP के लिए अस्तित्व की लड़ाई जैसा माना जा रहा है। 2022 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था। हालांकि, मायावती पिछले कुछ महीनों से सक्रिय होकर लगातार बैठकों के जरिए चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। 9 अक्टूबर की रैली के बाद BSP कार्यकर्ताओं में भी नया उत्साह देखने को मिला है।

BSP और AIMIM का पुराना राजनीतिक रिश्ता

BSP और AIMIM का पुराना राजनीतिक रिश्ता भी फिर चर्चा में है। 2020 में दोनों दलों ने बिहार में गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस बार बिहार चुनाव के दौरान भी असदुद्दीन ओवैसी ने सार्वजनिक रूप से अपील की थी कि जहां AIMIM प्रत्याशी नहीं हैं, वहां उनके समर्थक BSP उम्मीदवारों को वोट दें।

सीमित सीटों पर समझौता संभव!

इसके अलावा मायावती पहले ही साफ कर चुकी हैं कि यूपी में वे किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगी, लेकिन छोटे और समान विचारधारा वाले दलों के साथ सीमित सीटों पर समझौता संभव है। यानी ओवैसी की AIMIM के साथ गठबंधन को लेकर कोई बड़ी बाधा नहीं दिखती।

पोस्टर ने अटकलों को और हवा दी

बिहार में BSP के जीते इकलौते विधायक पिंटू यादव की वायरल तस्वीर में उनके पीछे BSP और AIMIM दोनों के बैनर लगे थे। इसने भी अटकलों को और हवा दी है। इस तस्वीर में BSP के प्रदेश प्रभारी अनिल चौधरी भी मौजूद नजर आए। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह दोनों दलों के बैनर का एक साथ लगना बिना मायावती की सहमति के संभव नहीं हो सकता। वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो बिहार में AIMIM 5 सीटें जीत चुकी है। BSP का एक विधायक विधानसभा में मौजूद है। ऐसे में दोनों मिलकर विपक्ष की आवाज उठाने की योजना बना सकते हैं।

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