बिहार में NDA की बंपर जीत के बाद अब मुख्यमंत्री का नाम तय होना है। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना है। भाजपा ने विधायकों से बात करने के लिए यूपी के डिप्टी सीएम को पर्यवेक्षक बनाया है। केशव प्रसाद मौर्य ही बिहार के मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे।
लखनऊ : बिहार में NDA की बंपर जीत के बाद अब मुख्यमंत्री का नाम तय होना है। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना है। इसी क्रम में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बिहार का पर्यवेक्षक (Observer) नियुक्त किया है। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक (Co-Observer) बनाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में होगा। इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। इसके अलावा, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी मौजूद रहने की अटकलें हैं। शपथ ग्रहण से पहले, सरकार गठन की तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने, नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करने और महत्वपूर्ण फैसले लेने की आवश्यकता है।
बीजेपी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए केशव प्रसाद मौर्य को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें बीजेपी विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। एक तरह से, पीएम मोदी, अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के लिए केशव मौर्य को चुना है। केशव मौर्य सभी बीजेपी विधायकों से बात करेंगे, उनके मन की बात जानेंगे और पार्टी हाईकमान को सूचित करेंगे। बीजेपी विधायक दल की बैठक में ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी, जिस पर विधायक अपनी सहमति देंगे। बिहार जैसे बड़े प्रदेश में विधायक दल का पर्यवेक्षक होना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि केशव मौर्य बिहार विधानसभा चुनाव में सह-प्रभारी भी थे, और चुनाव नतीजे पार्टी की अपेक्षा से कहीं अधिक अच्छे रहे हैं। उन्होंने पिछड़े वर्ग को साधने के साथ ही पार्टी नेतृत्व की मंशा के अनुरूप चुनाव प्रबंधन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
हालांकि, नई सरकार के मंत्री पद के फॉर्मूले का औपचारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को लगभग एक समान विभाग मिल सकते हैं। इसके साथ ही, चिराग पासवान की पार्टी को भी उनके कोटे से दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं।
इस बार के बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन महज 35 सीटें ही जीत सका।