समाजवादी पार्टी (सपा) महिला मोर्चा के प्रदर्शन के दौरान उस समय हंगामा मच गया, जब बलिया की बांसडीह सीट से बीजेपी विधायक केतकी सिंह की नाबालिग बेटी विभावरी सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं को कड़ा जवाब दिया।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) महिला मोर्चा के प्रदर्शन के दौरान उस समय हंगामा मच गया, जब बलिया की बांसडीह सीट से बीजेपी विधायक केतकी सिंह की नाबालिग बेटी विभावरी सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं को कड़ा जवाब दिया। सपा महिला मोर्चा की नेता नेहा यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ता विधायक आवास के बाहर नल लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। इसी दौरान विभावरी ने सपा कार्यकर्ताओं को ललकारते हुए कहा, 'मेरी मां यहां नहीं हैं। इन्हें लगता है कि ये 16 साल की लड़की को डरा देंगे। अगर आपने मुझ पर उंगली भी उठाई, तो मेरी मां बीच से फाड़ देंगी।'
विभावरी का यह बेबाक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कुछ लोग उनकी निर्भीकता की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे सत्ताधारी परिवार की परवरिश का नतीजा बता रहे हैं। इस घटना ने न केवल प्रदर्शन को सुर्खियों में ला दिया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी नई बहस छेड़ दी।
प्रदर्शन के दौरान स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने सपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। महिलाओं को जबरन गाड़ियों में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया गया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी जारी रखी और सरकार पर लोकतांत्रिक आवाज दबाने का आरोप लगाया। नेहा यादव ने कहा, "हम जनता की समस्याएं उठाने आए थे, लेकिन सत्ता पक्ष हमें दबाना चाहता है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।"
विभावरी के बयान ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दीं। सपा समर्थकों ने इसे सत्ता का अहंकार करार दिया, जबकि बीजेपी खेमे ने इसे एक नाबालिग बेटी की नन्ही सी हिम्मत बताया। नेहा यादव ने विभावरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'सत्ता के नशे में चूर बीजेपी परिवार लोकतांत्रिक विरोध को धमकियों से दबाने की कोशिश कर रहा है।'
इस बीच, बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने सपा और इसके नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। अखिलेश द्वारा अयोध्या बस सेवा पर सवाल उठाने के जवाब में केतकी ने कहा, 'जब अखिलेश ने मुख्यमंत्री आवास छोड़ा था, तब सरकारी टोटियां कहां गई थीं? पहले वह टोटियों का हिसाब दें, फिर जो चाहें, वह चालू करा दिया जाएगा।' उन्होंने सपा शासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तब स्कूलों में गाय और भैंसें पढ़ा करती थीं।