लखनऊ

लखनऊ से बुक की कार बहराइच में लूटी, चलती गाड़ी से फेंका चालक, पुलिस ने खोला गैंग का पूरा राज

Lucknow Car Loot Case: लखनऊ से बहराइच के लिए बुक की गई कार को चार बदमाशों ने लूट लिया और चालक को चलती गाड़ी से फेंक दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मास्टरमाइंड रंजीत उर्फ मंगलेश के खिलाफ 28 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने लूटी गई कार बरामद कर ली।

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Nov 03, 2025
Car Loot Case (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Booked in Lucknow, Looted in Bahraich: राजधानी लखनऊ से बुक की गई एक कार को चार बदमाशों ने बहराइच में लूट लिया और चालक को चलती गाड़ी से धक्का देकर फरार हो गए। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही दिनों में इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर दिया। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने चारों लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अपराधियों के पास से लूटी गई कार और दो नंबर प्लेट बरामद की गई हैं।

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कैसे हुई वारदात

जानकारी के अनुसार लखनऊ के कामता क्षेत्र स्थित अवध बस अड्डे से 30 अक्तूबर की रात चार युवकों ने बहराइच के लिए एक कार बुक की थी। चालक प्रवेश कुमार कार लेकर रवाना हुआ। रास्ते में सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन जैसे ही कार कैसरगंज इलाके के एक सुनसान स्थान पर पहुंची, चारों सवारों ने अचानक चालक को बंधक बना लिया। बदमाशों ने चालक से कार छीन ली और मारपीट करने के बाद उसे चलती गाड़ी से धक्का देकर सड़क किनारे फेंक दिया। घायल चालक किसी तरह पास के ढाबे तक पहुंचा और स्थानीय लोगों की मदद से थाने पहुंचा। अगले दिन 31 अक्टूबर को कैसरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

एसपी ने गठित की विशेष टीम

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने कैसरगंज थाना पुलिस के साथ-साथ स्वॉट और सर्विलांस टीम को जांच में लगाया। पुलिस ने कई संभावित रूटों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से संदिग्धों की लोकेशन ट्रेस की।

लगातार तीन दिनों की छानबीन के बाद पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर रविवार को पुलिस ने छापेमारी कर चारों आरोपियों को दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान श्रावस्ती के इकौना निवासी रंजीत कुमार उर्फ मंगलेश, रमा रमन, दिलीप कुमार, और भिनगा निवासी लवकुश मौर्य के रूप में हुई।

मुख्य आरोपी निकला पेशेवर अपराधी

अपर पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में रंजीत उर्फ मंगलेश इस गैंग का मास्टरमाइंड है। पुलिस जांच में सामने आया कि रंजीत के खिलाफ लखनऊ, बाराबंकी, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर और अन्य जिलों में करीब 28 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह वाहन बुकिंग के बहाने गाड़ियां लूट कर उनकी नंबर प्लेट बदल देता था और उन्हें आगे बेच देता था। रंजीत के गैंग में कई अन्य सदस्य भी सक्रिय हैं जो अलग-अलग जिलों में इसी तरह की वारदातें करते रहे हैं। पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क और वाहन खरीदने वाले रैकेट की भी जांच कर रही है।

एक गलती से पकड़ा गया मास्टरमाइंड

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रंजीत और उसके साथियों की गिरफ्तारी एक छोटी सी गलती के कारण संभव हो सकी। वारदात के बाद उन्होंने गाड़ी का जीपीएस डिसेबल करने की कोशिश की थी, लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए। इसी वजह से पुलिस को उनकी लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिली। साथ ही, घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कार की हल्की झलक मिली, जिसके बाद पुलिस ने संदिग्ध वाहनों की सूची तैयार की और चेकिंग अभियान शुरू किया। इसी दौरान लूटी गई कार को बहराइच-श्रावस्ती बॉर्डर के पास देखा गया और आरोपियों को दबोच लिया गया।

लूटी गई कार और नकली नंबर प्लेट बरामद

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से लूटी गई कार के अलावा दो नकली नंबर प्लेटें, मोबाइल फोन और घटना में प्रयुक्त कुछ औजार भी बरामद किए हैं। आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वे हर वारदात के बाद कार की नंबर प्लेट बदल देते थे और फिर उसे सीमावर्ती जिलों या नेपाल बॉर्डर तक बेचने की कोशिश करते थे। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी लोगों को विश्वास में लेने के लिए पहले सभ्य व्यवहार करते थे, जिससे चालक को किसी खतरे का अंदेशा न हो। लेकिन सुनसान इलाका मिलते ही हथियार के बल पर वारदात को अंजाम देते थे।

जांच में कई जिलों की पुलिस जुड़ी

इस मामले की गूंज अब लखनऊ से लेकर श्रावस्ती तक सुनाई दे रही है। जिन जिलों में रंजीत के खिलाफ मामले दर्ज हैं, वहां की पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। सभी थानों से उसका आपराधिक रिकॉर्ड तलब किया गया है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह कई राज्यों में सक्रिय हो सकता है।

अपर पुलिस अधीक्षक बोले - “आरोपियों का आपराधिक नेटवर्क ध्वस्त किया जाएगा”

अपर पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा ने कहा, “यह एक शातिर गिरोह है जो बुकिंग के बहाने लोगों के वाहन लूटता था। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इनके अन्य साथियों की तलाश जारी है। जल्द ही गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा।”

आम जनता को चेतावनी

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को वाहन किराये पर देने से पहले उसकी पहचान अवश्य सत्यापित करें। खासतौर से रात में लंबी दूरी की यात्रा के लिए बुकिंग लेते समय पुलिस हेल्पलाइन पर सूचना देना सुरक्षित रहेगा। हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है, लेकिन यह घटना एक बार फिर से राज्य में अपराधियों की सक्रियता पर सवाल खड़े करती है। सवाल यह भी है कि इतने जिलों में मुकदमे दर्ज होने के बावजूद रंजीत जैसे अपराधी खुलेआम घूम कैसे रहे हैं।

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