Headphone Overuse: तेजी से बढ़ते ईयरफोन और हेडफोन के चलन ने युवाओं की सुनने की क्षमता को खतरे में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दो घंटे से अधिक उपयोग करने पर स्थायी बहरेपन की आशंका बढ़ जाती है। सरकार ने चेताया है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
Earphone Hearing Loss Risk: वर्तमान समय में युवाओं में ईयर फोन और हेडफोन का उपयोग एक आम आदत बन चुकी है। चाहे वॉक करते समय हो या घर पर आराम करते समय, अधिकतर युवा और बच्चे अपने कानों में ईयरफोन या हेडफोन लगाए रहते हैं। लेकिन यह आदत धीरे-धीरे उनकी श्रवण क्षमता (hearing ability) को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों ने इस विषय में गंभीर चिंता व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि यदि समय रहते यह आदत नहीं बदली गई, तो इसके दुष्परिणाम स्थायी और खतरनाक हो सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने इस विषय पर एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। उन्होंने देशभर के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा है। उनका साफ कहना है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन दो घंटे से अधिक समय तक हेडफोन, ईयरफोन या ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी सुनने की शक्ति खो सकता है।"
सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को भी निर्देश दिए हैं कि वे बच्चों और युवाओं को ऑडियो डिवाइसेज के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें। इसके लिए सेमिनार, पोस्टर, और वर्कशॉप आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है।