Heavy Rain Alert: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के असर से प्रदेश के कई जिलों में 8 अक्टूबर तक झमाझम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी में ऑरेंज अलर्ट और पश्चिमी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
Heavy Rain Alert in Uttar Pradesh: अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश में मानसूनी बादल एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वी से लेकर पश्चिमी यूपी तक बारिश का सिलसिला बना रहेगा। वहीं, 8 अक्टूबर तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के अनुसार मंगलवार से लेकर रविवार तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान पूर्वी यूपी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कुछ पश्चिमी जिलों में येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया और उसके उत्तर की ओर बढ़ने के कारण यह प्रणाली उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों को प्रभावित करेगी।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा बुलेटिन के अनुसार, बुधवार से गुरुवार के बीच बलिया, गाजीपुर, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन इलाकों में 40–50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और कहीं-कहीं वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग और आपदा प्रबंधन इकाइयों को विशेष निगरानी रखने को कहा गया है ताकि बारिश और बिजली गिरने से होने वाली संभावित क्षति को रोका जा सके।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मानसूनी बादलों की सक्रियता बनी रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार, मेरठ, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ गरज-चमक के भी आसार हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश जहां धान की फसल के लिए राहत लेकर आएगी, वहीं जिन क्षेत्रों में कटाई का काम शुरू हो चुका है, वहां बेमौसम बारिश नुकसानदायक हो सकती है। खेतों में जलभराव से फसल के सड़ने और दाने की गुणवत्ता पर असर पड़ने का खतरा है।
राजधानी लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, फैजाबाद, सुल्तानपुर और अमेठी जैसे जिलों में भी अगले तीन दिनों तक छिटपुट बारिश के आसार हैं। लखनऊ में बुधवार शाम से बूंदाबांदी शुरू होने की संभावना जताई गई है, जबकि गुरुवार और शुक्रवार को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर सिस्टम उत्तर प्रदेश की ओर खिसक रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में नमी बढ़ेगी और तापमान में गिरावट दर्ज होगी। अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खुले स्थानों, खेतों और पेड़ों के नीचे मोबाइल फोन का उपयोग न करने, तथा बिजली गिरने की संभावना वाले समय में सुरक्षित स्थान पर रहने की चेतावनी दी गई है। ग्रामीण इलाकों में किसानों से कहा गया है कि वे फसलों की कटाई और मड़ाई के कार्य में सावधानी बरतें और बिजली गिरने के दौरान खेतों में काम न करें। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जिलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राहत दलों को सतर्क मोड पर रखा गया है और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग स्टेशनों को सक्रिय कर दिया गया है।
बारिश का यह दौर जहां कुछ इलाकों में फसलों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, वहीं कई स्थानों पर धान की कटाई और खरीफ फसल की तैयारी पर विपरीत असर डाल सकता है। पूर्वांचल के किसानों ने बताया कि खेतों में पानी भरने से धान की बालियां झुकने और पौधों में सड़न की स्थिति बन सकती है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.पी. सिंह का कहना है कि “यदि बारिश अगले दो दिनों तक भारी रहती है तो कटाई की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। जिन इलाकों में धान की फसल पक चुकी है, वहां किसानों को फसल को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह दी गई है।”
लगातार हुई बारिश से उमस और गर्मी में कमी आई है। लखनऊ और आसपास के जिलों में लोगों को गर्मी से राहत मिली है। बीते 24 घंटों में तापमान में करीब 3–4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। सुबह और रात के समय हल्की ठंडक महसूस की जा रही है। IMD लखनऊ केंद्र के अनुसार, 8 अक्टूबर के बाद बारिश का यह सिलसिला धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगा और 9 से 10 अक्टूबर के बीच आसमान साफ होने लगेगा। इसके बाद न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट शुरू हो जाएगी और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से सर्द हवाओं के आगमन के संकेत मिल सकते हैं।
प्रदेश के कई जिलों में बारिश और संभावित जलभराव से निपटने के लिए प्रशासन ने राहत दलों को तैनात कर दिया है। नगर निगम और जलकल विभागों को नालों की सफाई और पानी की निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं ताकि बारिश से संबंधित किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके। बिजली विभाग को भी चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।