लखनऊ

सरकारी App खोलेगा शराब के असली-नकली होने की पोल! देसी से लेकर अंग्रेजी सभी कैटेगरी की ऐसे खुलेगी ‘कुंडली’

UP Excise Citizen App: सरकारी App की मदद से अब आप जान पाएंगे कि शराब असली है या नकली...आपको बताते हैं App किस तरह से काम करता है।

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Nov 19, 2025
शराब (फोटो सोर्स-AI)

UP Excise Citizen App: शराब असली है या नकली यह जानना अब मुश्किल नहीं होगा। इसके लिए यूपी सरकार ने एक खास मोबाइल App को लॉन्च कर दिया है। बस आपको बोतल पर बने QR कोड को स्कैन करने की जरूरत होगी और शराब से जुड़ी हर जानकारी तुरंत आपको मिल जाएगी।

गन्ना संस्थान स्थित सभागार में आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने 'UP Excise Citizen App' को लॉन्च किया।

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कुछ सावलों के जवाब जानना जरूरी-

-App कैसे काम करता है?

-App से क्या जानकारी मिलती है?

-पहले असली–नकली शराब की जांच कैसे होती थी?

-अगर शराब नकली है तो क्या कार्रवाई होगी?

इन सभी सवालों के जवाब App में मिलते हैं और इसकी मदद से उपभोक्ता आसानी से शराब की गुणवत्ता और वैधता की जांच कर सकेंगे।

App कैसे काम करता है?

इस App का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसके लिए आपको सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) या एप्पल ऐप स्टोर (Apple App Store) से UP Excise Scanner App डाउनलोड करना होगा। App खुलने के बाद शराब की बोतल पर मौजूद QR कोड को स्कैन करें।

अगर बोतल असली होगी, तो App तुरंत पूरी जानकारी दिखा देगा। जिसमें शामिल होगा-

  • शराब कब बनी?
  • कहां तैयार हुई?
  • किस दुकान को जारी की गई?

सारी डिटेल आपके मोबाइल पर सामने आ जाएगी। लेकिन अगर बोतल नकली होगी, तो स्कैनर काम ही नहीं करेगा और App पर कोई भी जानकारी नहीं दिखाई देगी। इससे तुरंत पता चल जाएगा कि बोतल असली है या फर्जी।

App से क्या जानकारी मिलती है?

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल का कहना है, '' जैसे ही शराब की बोतल पर मौजूद QR कोड को स्कैन किया जाएगा तो मोबाइल स्क्रीन पर तुरंत उस ब्रांड का नाम दिखाई देगा। साथ ही बोतल में भरी शराब की तीव्रता (Alcohol Strength) कितनी है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी। यह सुविधा बीयर, वाइन, LAB, व्हिस्की, वोडका, रम, जिन, देसी शराब और UPML जैसी सभी कैटेगरी पर लागू होगी।''

मंत्री ने यह भी बताया कि App यह डिटेल भी दिखाएगा कि बोतल किस तरह की पैकेजिंग में है यानी, ग्लास बोतल, प्लास्टिक बोतल, टेट्रा पैक या कैन के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा यह भी पता चलेगा कि बोतल किस थोक गोदाम से आई है और किस तारीख को दुकान के स्टॉक में शामिल की गई। यानी खरीदार को पूरी सप्लाई चेन की जानकारी एक ही स्कैन में मिल जाएगी।

पहले असली–नकली शराब की जांच कैसे होती थी?

यूपी में अब शराब की बोतलों की असलियत की जांच QR कोड स्कैन करके आसानी से की जा सकती है, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। पहले नकली और असली शराब की पहचान पूरी तरह मैनुअल तरीकों (मानवीय तरकों) पर निर्भर थी। कई सालों तक एक्साइज विभाग और पुलिस 3 तरीकों से ही शराब की वैधता की जांच करते थे-

  1. होलोग्राम देखकर: बोतल पर लगा असली होलोग्राम चेक किया जाता था।

2. कैप और सील की जांच: बोतल की ढक्कन और सील से पता लगाते थे कि पैकिंग असली है या साथ में छेड़छाड़ की गई है।

3. MRP और बैच नंबर मिलाना: बोतल पर छपे MRP और बैच नंबर को कंपनी के रिकॉर्ड से मिलाकर सत्यापन किया जाता था।

4. इसके अलावा हर जिले में तैनात एक्साइज इंस्पेक्टरों के जरिए रूटीन चेकिंग भी की जाती थी।

अगर शराब नकली है तो क्या कार्रवाई होगी?

अगर कोई दुकानदार नकली शराब बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसका लाइसेंस तुरंत निलंबित किया जा सकता है। दुकान में मौजूद पूरा स्टॉक जब्त किया जा सकता है। इतना ही नहीं आरोपी के खिलाफ यूपी एक्साइज एक्ट के साथ-साथ अन्य धाराओं में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। नकली शराब बेचने या तैयार करने वालों को जेल और भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है या उसके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचता है, तो आरोपियों पर हत्या, गैर-इरादतन हत्या या जानलेवा हमले जैसी गंभीर धाराएं भी लगाई जा सकती हैं।

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Updated on:
22 Nov 2025 11:31 am
Published on:
19 Nov 2025 01:30 pm
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