लखनऊ

Queen Mary Hospital: लखनऊ में नर्सिंग छात्रा ने हॉस्पिटल के हॉस्टल से कूदकर की आत्महत्या की कोशिश 

Queen Mary Hospital: लखनऊ के क्वीन मैरी हॉस्पिटल के पास स्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने हॉस्टल की बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा कि वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थी। उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।

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Jan 14, 2025
नर्सिंग छात्रा ने आत्महत्या करने की कोशिश की

Queen Mary Hospital: लखनऊ के क्वीन मैरी हॉस्पिटल के पास स्थित एक नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने मंगलवार सुबह हॉस्टल की बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। यह घटना शहर के चौक इलाके में हुई, जहां छात्रा को गंभीर चोटें आईं और उसे तुरंत नजदीकी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। छात्रा की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, और डॉक्टरों की एक टीम उसकी जिंदगी बचाने के लिए इलाज कर रही है।

पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रशासन का बयान

घटना के बाद, चौक पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रशासन मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, छात्रा ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उसने अपने आत्महत्या के कारणों का जिक्र किया है। सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा था कि वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थी। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि यह मामला आत्महत्या की कोशिश का है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उसकी जांच की जा रही है।

क्यों नहीं संतुष्ट थी छात्रा?

सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा था कि वह अपनी नौकरी के हालात से नाखुश थी, लेकिन इस बारे में और कोई जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है कि वह किस प्रकार की नौकरी से असंतुष्ट थी। यह भी संभव है कि उस पर पढ़ाई का दबाव हो या फिर किसी प्रकार के मानसिक तनाव का सामना कर रही हो। छात्रा की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

क्वीन मैरी हॉस्पिटल के प्रशासन ने इस घटना पर एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि छात्रा की सुरक्षा और कल्याण उनकी प्राथमिकता है। अस्पताल ने कहा है कि वे पूरी तरह से मामले की जांच करेंगे और इस प्रकार के घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

मनोवैज्ञानिक तनाव का मुद्दा

यह घटना एक और बार मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करती है। विशेष रूप से छात्रों और युवा पेशेवरों में मानसिक तनाव और अवसाद एक बढ़ता हुआ मुद्दा बनता जा रहा है। कई बार पढ़ाई, करियर या व्यक्तिगत जीवन के दबाव के कारण युवा अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते, जो बाद में आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाओं का कारण बनता है।

चौक पुलिस की कार्रवाई

चौक पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू की है। पुलिस के अनुसार, जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना होगा कि छात्रा के आत्महत्या करने के पीछे क्या कारण थे। फिलहाल, छात्रा की हालत गंभीर है और इलाज के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।

सुसाइड प्रिवेंशन के लिए दिशा-निर्देश

इस घटना ने सुसाइड प्रिवेंशन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों और युवा पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए उचित सहायता और मार्गदर्शन देना बेहद जरूरी है। कई बार अपने दवाब या असंतोष को व्यक्त करने के लिए छात्रों के पास पर्याप्त सहारा नहीं होता, जिससे वे आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं।

रिश्तेदारों की प्रतिक्रिया

छात्रा के परिवार वालों ने अस्पताल में अपनी बेटी की हालत को देखकर चिंता जताई है और पुलिस से न्याय की उम्मीद की है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी हमेशा खुशमिजाज थी और किसी भी तरह के तनाव के बारे में उन्होंने कभी नहीं बताया था। हालांकि, वे इस घटना के कारणों को समझने के लिए पुलिस की जांच पर भरोसा रखते हैं।

मनोवैज्ञानिक मदद का महत्व

आजकल के युवा मानसिक रूप से काफी दबाव में रहते हैं। यही कारण है कि कई स्कूल और कॉलेजों में अब मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ऐसे कदम उठाने से पहले व्यक्ति को अपने मानसिक स्थिति के बारे में सही मार्गदर्शन मिल सके।

Updated on:
14 Jan 2025 01:31 pm
Published on:
14 Jan 2025 01:10 pm
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