लखनऊ

Kisan Accident Scheme: मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: अन्नदाताओं को मिला आर्थिक सहारा

Kisan Accident Scheme Yogi Govt:   योगी सरकार किसानों के दुख-सुख में सहभागी बनते हुए ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ के तहत दिवंगत या दिव्यांग किसानों के आश्रितों को आर्थिक सहायता दे रही है। शुक्रवार को अंबेडकरनगर में 431 लोगों को लगभग 21 करोड़ रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री स्वयं प्रदान करेंगे।

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Jun 12, 2025
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना से किसानों को राहत की सौगात फोटो सोर्स : Patrika

Kisan Accident Scheme 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को केवल खेतों में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर संघर्ष में सुरक्षा कवच देने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अब अन्नदाताओं के लिए न सिर्फ एक योजना है, बल्कि संकट के समय संबल बनकर सामने आई है। किसी भी दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में उसके आश्रित परिवार पर आर्थिक संकट गहराता है। ऐसे समय में यह योजना प्रभावित परिवार को अधिकतम पांच लाख रुपये तक की सहायता प्रदान कर, उन्हें फिर से जीवन की मुख्यधारा में जोड़ने में मदद करती है।

13 जून को अंबेडकरनगर में मुख्यमंत्री देंगे सहायता राशि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार 13 जून को अंबेडकर नगर जिले के शिवबाबा मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 431 लाभार्थियों को लगभग 21 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर

  • 408 लाभार्थियों को 5 लाख रुपये
  • 10 को ढाई लाख रुपये
  • 1 को 1.25 लाख रुपये
  • 12 को एक-एक लाख रुपये की डेमो चेक सहायता राशि दी जाएगी।

कुल सहायता राशि ₹20,78,25,000 है, जो डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। यह पारदर्शिता और सुशासन का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

प्रदेश भर में 11690 किसानों के लिए 5.61 अरब की मदद

वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत अब तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 11,690 किसानों/परिवारों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इन्हें सरकार द्वारा कुल ₹5,61,86,28,200 (5.61 अरब रुपये) की वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह राशि सीधे किसानों या उनके आश्रितों के खाते में भेजी जा रही है, जिससे उन्हें किसी मध्यस्थ या भ्रामक प्रक्रिया से गुजरना न पड़े।

सबसे अधिक लाभान्वित जिले

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत टॉप 10 जिलों में सर्वाधिक लाभ पाने वाले किसान निम्नलिखित हैं:

जनपदस्वीकृत दावेकुल सहायता राशि (₹)
अंबेडकर नगर43120,78,25,000
कुशीनगर39219,55,00,000
कानपुर देहात40319,51,50,000
मैनपुरी35517,66,00,000
जौनपुर41717,20,00,000
इटावा35217,00,80,000
हरदोई34215,99,00,000
लखीमपुर खीरी33415,82,50,000
सोनभद्र30713,75,75,000
संतकबीर नगर280
13,35,25,000

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि योजना का लाभ प्रदेश के हर कोने में पहुंच रहा है, विशेष रूप से उन जिलों में जहाँ कृषि आधारित परिवारों की संख्या अधिक है।

 कैसे शुरू हुई योजना

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितंबर 2019 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य था "दुर्घटना से पीड़ित किसानों या उनके आश्रित परिवारों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें जीवन यापन में संबल देना।" पहले किसान परिवारों को दुर्घटना के बाद मुआवजा पाने में वर्षों लग जाते थे, लेकिन अब प्रक्रिया डिजिटल, समयबद्ध और पारदर्शी हो गई है।

वर्ष दर वर्ष बढ़ता बजट, बढ़ते लाभार्थी

सरकार की मंशा स्पष्ट है, किसान की पीड़ा में उसकी छाया बनना। यही वजह है कि इस योजना के तहत सरकार हर साल बजट में वृद्धि करती रही है।

वर्षबजट आवंटन (₹)लाभार्थी संख्या
2020-21500 करोड़11,275
2021-22600 करोड़13,645
2022-23650 करोड़15,231
2023-24950 करोड़23,821
2024-251000 करोड़25,575
2025-261050 करोड़11,690 (अब तक)

इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार न केवल योजना को जारी रख रही है, बल्कि हर वर्ष इसे अधिक समावेशी और प्रभावी बना रही है।

 योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • लाभार्थी: उत्तर प्रदेश का कोई भी किसान या भूमिहीन कृषि मजदूर
  • घटनाएं: सड़क हादसे, आग से झुलसना, बिजली का करंट, सर्पदंश आदि
  • अधिकतम सहायता: ₹5,00,000 (दुर्घटना मृत्यु या पूर्ण दिव्यांगता पर)
  • आवेदन प्रक्रिया: संबंधित तहसील या ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन
  • भुगतान प्रणाली: डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में

बोली जनता 

  • कुशीनगर के किसान संतोष यादव कहते हैं कि  "मेरे पिताजी की सड़क हादसे में मृत्यु के बाद इस योजना से मिले पैसे से हमने घर बचाया, बच्चों की पढ़ाई जारी रखी।"
  • अंबेडकर नगर की विधवा माया देवी कहती हैं"सरकार ने संकट में हमें अकेला नहीं छोड़ा, आज जो घर चल रहा है, वही मदद की बदौलत है।"
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