Lawrence Bishnoi Gang:लॉरेंस बिश्नोई गैंग का यूपी में तेजी के साथ सोशल मीडिया की मदद से युवाओं को फंसाकर अपना गैंग बना कर पांव पसार रहा है। आइये जानते हैं किसको बना रहा शिकार ...
Lawrence Bishnoi gang spreads its tentacles in UP through Facebook, Instagram: मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यूपी में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क खंगालने शुरू कर दिए हैं। जांच के दौरान पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने पिछले सालभर में उत्तर प्रदेश में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर सैकड़ों युवाओं को उसने अपने साथ जोड़ा है।
ज्यादातर भर्ती किए गए युवक गरीब तबके से आते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस गैंग का मुख्य लक्ष्य बेरोजगार और आर्थिक रूप से कमजोर युवक होते हैं, जो कम समय में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं। पिछले कुछ समय में खुफिया एजेंसियों (आईबी) ने भी इसका खुलासा किया था कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ऐसे युवाओं को चुनता है, जिन्हें विदेश जाने और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने का सपना दिखाया जाता है। इसके अलावा, गैंग के स्लीपिंग मॉड्यूल्स (गुप्त सदस्य) यूपी में फैले हुए हैं, जिन्हें पैसों और लग्जरी लाइफ का लालच देकर गैंग से जोड़ा जाता है।
बहराइच के धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम के नाम सामने आने से यह साफ हो गया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ज्यादातर बेरोजगार और गरीब तबके के युवाओं को अपने साथ जोड़ रहा है। ये दोनों युवक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे और अक्सर अंडरवर्ल्ड या माफिया से जुड़ी सामग्री पोस्ट करते थे। गैंग 18 से 28 साल के युवाओं को टारगेट करता है, खासकर उन लोगों को जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता। इससे वह पुलिस की नजरों से बचते हुए अपने नेटवर्क का विस्तार कर पा रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई के सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हुए अपनी गैंग को चलाने का यह तरीका उत्तर प्रदेश में तेजी से फल-फूल रहा है। युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं—जैसे विदेश में बसने का अवसर, धन-दौलत और ऐशो-आराम की जिंदगी। इन लालचों में फंसकर कई युवक गैंग का हिस्सा बन रहे हैं।
लॉरेंस बिश्नोई पिछले डेढ़ साल से गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल की हाई-सिक्योरिटी बैरक में बंद है, लेकिन वहां से भी वह अपने गैंग का संचालन कर रहा है। गैंग के कई बड़े सदस्य और उसका भाई अनमोल बिश्नोई, गैंग की गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। कुछ समय पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें अयोध्या के विकास सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। गैंग के शूटर अयोध्या में अत्याधुनिक हथियारों के साथ देखे गए थे। Lawrence Bishnoi: Operating His Gang from Sabarmati Jail’s High-Security Barracks
लॉरेंस बिश्नोई के शूटर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सक्रिय हैं। उनमें से ज्यादातर शूटर उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं। इनकी संख्या 800 से भी अधिक बताई जाती है। यह घटनाक्रम अतीक अहमद की याद दिलाता है, जो साबरमती जेल में रहते हुए भी यूपी में हत्या करवा सकता था। इससे साफ है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क भी बेहद मजबूत और खतरनाक है।
Police Unable to Take Lawrence Bishnoi on Remand लॉरेंस बिश्नोई को किसी भी राज्य की पुलिस फिलहाल रिमांड पर नहीं ले सकती है। इसका मुख्य कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय का वह आदेश है, जो अहमदाबाद की साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई को शिफ्ट करने पर रोक लगाता है। यह आदेश पहले अगस्त 2024 तक प्रभावी था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। अगस्त 2023 में लॉरेंस को सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी के आरोप में तिहाड़ जेल से साबरमती जेल भेजा गया था, जहां से वह अब भी अपना गैंग चला रहा है।
यूपी में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियों से कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। गरीब और बेरोजगार युवाओं को भर्ती करके इस गैंग ने प्रदेश में अपना नेटवर्क तेजी से फैला लिया है। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को प्रभावित करने का यह तरीका अब राज्य और केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का यूपी में तेजी से फैलता नेटवर्क अब राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। सोशल मीडिया की मदद से युवाओं को फंसाकर गैंग अपने पांव पसार रहा है, जो कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है। राज्य और केंद्र सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाकर इस गैंग को काबू में करना होगा, ताकि यूपी के युवाओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।