Chhath Puja CM Yogi Laxman Mela Ghat : लखनऊ में छठ महापर्व की तैयारियां अपने चरम पर हैं। गोमती तट स्थित लक्ष्मण मेला घाट को भव्य रूप दिया गया है। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की तैयारियां पूरी हैं। 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। सुरक्षा, सफाई और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
Lucknow All Set for Chhath Puja: लखनऊ में छठ महापर्व की तैयारियां इस बार और भी भव्य रूप में दिखाई दे रही हैं। गोमती नदी के तट पर स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मण मेला मैदान को पूरी तरह से सजाकर दिव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। आस्था के इस महान पर्व के 41वें आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस-प्रशासन और अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के पदाधिकारी लगातार पिछले कई दिनों से व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलने वाले छठ महापर्व में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस बार उत्साह और सुरक्षा दोनों पर बराबर ध्यान दिया गया है। पंडालों, घाटों, प्रकाश व्यवस्था, सफाई से लेकर चिकित्सा सहायता और यातायात व्यवस्था तक सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। सबसे विशेष बात यह है कि 27 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संध्या अर्घ्य के समय गोमती किनारे पहुंचकर अर्घ्य अर्पित करेंगे। उनके आगमन से आयोजन का आकर्षण कई गुना बढ़ गया है।
छठ पर्व सूर्य भगवान और छठी मैया की आराधना का पर्व है, जिसे कठिन व्रत, शुचिता और आस्था का प्रतीक माना जाता है। व्रती महिलाएं चार दिनों तक विशेष नियमों का पालन करते हुए पूजा करती हैं।
1. 25 अक्टूबर--नहाय-खाय
सात्विक भोजन से पर्व की शुरुआत, व्रती नदी या किसी पवित्र जलस्रोत में स्नान कर स्वच्छ भोजन ग्रहण करते हैं।
2. 26 अक्टूबर ---खरना
पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद सूर्यास्त के समय गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर पूजा। प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू।
3.27 अक्टूबर--संध्या अर्घ्य
लाखों श्रद्धालु गोमती तट के सहारे खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ शाम 4 बजे पहुँच कर अर्घ्य देंगे और पर्व का औपचारिक शुभारंभ करेंगे।
4. 28 अक्टूबर-- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
सूर्योदय से पूर्व घाटों पर पूजा करने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। इन चार दिनों में प्रकृति, परिवार और देव-आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
नगर निगम की टीमें लक्समन मेला मैदान तथा आसपास की सफाई, कचरा निस्तारण, मच्छरों पर नियंत्रण और पेयजल टैंकरों की व्यवस्था में जुटी हैं।
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि यह हम सभी लखनऊ वासियों का सौभाग्य है कि यहां लगातार 41 वर्षों से छठ महापर्व का भव्य आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि
ये सभी सुविधाएं इस बात का प्रमाण हैं कि श्रद्धालुओं की कोई असुविधा न हो इसके लिए व्यवस्था बेहद मजबूत है।
आस्था के साथ-साथ संस्कृति को भी मंच देने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस बार भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां की गई हैं।
ये सभी कलाकार दोनों दिन मिलाकर लगभग 18 घंटे तक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
गंगा-गौतम परंपरा में माना गया है कि सूर्य और पानी जीवन के मूल स्रोत हैं, इसलिए उनकी पूजा का सीधा संबंध प्रकृति संरक्षण से भी है।
छठ पूजा मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाने वाला कठोर तप है। निर्जला व्रत, नदी में खड़े होकर पूजा, मिट्टी के सूप में फल-फूल समर्पित करना,ये सभी एक उच्च आध्यात्मिक अनुशासन को व्यक्त करते हैं। प्रभुनाथ राय ने कहा कि छठी मैया की सेवा का अवसर पाकर हम धन्य हैं। यह आस्था, समर्पण और संस्कारों को जोड़ने वाला पर्व है।
मनोज सिंह, वेद प्रकाश राय, मनोज राय, सुनील सिंह सहित भोजपुरी समाज और प्रशासनिक अधिकारियों ने लगातार दौरा कर सभी तैयारियों का अवलोकन किया। सभी पदाधिकारियों का एक ही संदेश--श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि है, किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
जैसे-जैसे संध्या अर्घ्य का दिन करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे शहर का माहौल पूरी तरह छठमय होता जा रहा है। बाजारों में पूजा सामग्री की खरीद बढ़ गई है। घरों में प्रसाद बन रहा है। गली-मोहल्लों में छठ के गीत गूंज रहे हैं--केतकी के फूलवा, ना मंगईहें हो, ऐ छठी मइया