Lawyers’ Protest: लखनऊ के विभूति खंड थाने में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया, जब पुलिस ने तीन वकीलों को हिरासत में लिया। इस पर वकीलों ने थाने में हंगामा किया और फैजाबाद रोड जाम कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर छह थानों की फोर्स बुलाई गई, और पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए।
Lucknow Lawyers’ Protest Escalates: लखनऊ के विभूति खंड थाना क्षेत्र में हाल ही में वकीलों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप विभूतिखंड थाने में हंगामा, फैजाबाद रोड पर जाम, और पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
सूत्रों के अनुसार, विभूति खंड थाना क्षेत्र में एक विवाद के बाद तीन वकीलों को एसीपी विभूति खंड द्वारा हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई से वकील समुदाय में आक्रोश फैल गया, और बड़ी संख्या में वकील थाने पर एकत्रित हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी की एक गाड़ी मौके पर तैनात की गई, लेकिन वकीलों का आक्रोश कम नहीं हुआ।
वकीलों ने थाने में पहुंचकर अपने साथियों की रिहाई की मांग की। इस दौरान पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। वकीलों का आरोप था कि पुलिस ने उनके साथियों के साथ अनुचित व्यवहार किया है, और वे तत्काल रिहाई की मांग कर रहे थे।
थाने में समाधान न होता देख, वकीलों ने फैजाबाद रोड पर जाम लगा दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया। इससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। वकीलों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, एडीसीपी पूर्वी ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। यह कदम वकीलों की मांगों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया, ताकि स्थिति को शांत किया जा सके और कानून व्यवस्था बहाल हो सके।
यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। पिछले वर्षों में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ है। उदाहरण के लिए, फरवरी 2024 में समिट बिल्डिंग स्थित माई बार में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
विभूति खंड की ताजा घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वकीलों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, वकील समुदाय से भी शांति बनाए रखने की अपील की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वकीलों और पुलिस के बीच इस प्रकार की घटनाएं न्यायिक प्रणाली और कानून व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं। दोनों पक्षों को संयम और समझदारी से काम लेना आवश्यक है, ताकि समाज में कानून का सम्मान बना रहे और आम जनता को असुविधा का सामना न करना पड़े।