Lucknow Police Update : लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। विकास नगर, इंदिरा नगर, पीजीआई, कैसरबाग सहित कई थानों को नए ज़ोन में स्थानांतरित किया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं क्षेत्रीय जरूरतों के अनुरूप बनाना है।
Lucknow Zone Change: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रशासनिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नरेट के कई सर्किलों में महत्वपूर्ण फेरबदल किया गया है। सुरक्षा, कानून व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में यह निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत शहर के प्रमुख थाना क्षेत्रों को नए जोन में शामिल किया गया है।
पुलिस आयुक्तालय सूत्रों के अनुसार यह बदलाव नागरिकों की सुविधा, क्षेत्रवार अपराध की प्रकृति और पुलिस संसाधनों के बेहतर उपयोग को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पिछले कुछ महीनों से यह देखा जा रहा था कि कुछ थाना क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति उनके जोन के हिसाब से तर्कसंगत नहीं थी, जिससे संपर्क, प्रतिक्रिया समय और नियंत्रण में दिक्कतें आ रही थीं।
इन दोनों इलाकों में लगातार बढ़ती आबादी, व्यावसायिक गतिविधियों और ट्रैफिक दबाव के चलते इन्हें पूर्वी ज़ोन में समायोजित किया गया है, जहां पहले से बेहतर पुलिस बल और अधोसंरचना मौजूद है। इससे क्षेत्रीय अपराधों पर अधिक सटीक नियंत्रण हो सकेगा।
PGI (Post Graduate Institute) और इसके आसपास के इलाके स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा केंद्र हैं। इन क्षेत्रों में लगातार ट्रैफिक और केस लोड बढ़ रहा था। इसे दक्षिण जोन में शामिल करके न केवल चिकित्सकीय आपात स्थितियों में पुलिस रिस्पॉन्स तेज किया जा सकेगा, बल्कि मरीजों और डॉक्टरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
यह क्षेत्र शहर का पुराना वाणिज्यिक और राजनीतिक केंद्र है। कई बार कानून व्यवस्था की चुनौती पेश करने वाले इन थानों को पुनः पश्चिम ज़ोन में लाकर प्रशासनिक पकड़ को और मज़बूत करने की कोशिश की गई है। इससे शांति व्यवस्था, धार्मिक आयोजनों और बाज़ार व्यवस्था को नियंत्रित करने में सहूलियत होगी।
इन क्षेत्रों की भौगोलिक दूरी और ग्रामीण प्रकृति को ध्यान में रखते हुए इन्हें उत्तरी जोन में जोड़ा गया है, जिससे गांवों और कस्बों तक तेज पुलिस कार्रवाई और नियमित गश्त की योजना बनाई जा सके।
पुलिस कमिश्नर ने सभी डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी को निर्देश दिए हैं कि नए ज़ोन के अनुसार पुलिस व्यवस्था को फिर से संगठित किया जाए, स्टाफ की तैनाती, बीट अधिकारियों का निर्धारण, और थानेवार जिम्मेदारियों को फिर से परिभाषित किया जाए। इसका उद्देश्य एक ही है – जनसुरक्षा को प्राथमिकता और अपराध पर त्वरित नियंत्रण।
शहर के सामाजिक संगठनों और आरडब्ल्यूए (RWA) समूहों ने इस प्रशासनिक कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से इस तरह के बदलाव की मांग की जा रही थी, जिससे हर थाने की जिम्मेदारी तर्कसंगत और यथार्थपरक हो।
अब लखनऊ पुलिस प्रशासन को नए जोनल चार्ट के आधार पर अपनी कार्यशैली और प्लानिंग को पुनः तैयार करना होगा। इसमें बीट चार्ट, क्षेत्रवार अपराध डेटा, गश्त योजना और यातायात नियंत्रण को नए सिरे से लागू करना शामिल होगा।