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UPSIDA Budget: यूपीसीडा ने पारित किया ₹6190 करोड़ का ऐतिहासिक बजट, उद्योगों को मिलेगी नई रफ्तार

UP Government Budget: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को सशक्त दिशा देने के उद्देश्य से यूपीसीडा की 48 वीं बोर्ड बैठक में ₹6190 करोड़ का बजट पारित किया गया। बैठक में कताई मिलों के आवंटन, एक्स-लीडा की मास्टर प्लान 2041 की स्वीकृति और औद्योगिक क्षेत्र की गति के आधार पर नई भुगतान नीति समेत कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Apr 18, 2025

भूखंडों के ट्रांसफर मामलों में भी नए आवंटन जैसी शर्तें लागू होंगी

भूखंडों के ट्रांसफर मामलों में भी नए आवंटन जैसी शर्तें लागू होंगी

UPSIDA Budget 2025: उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC) की 48 वीं बोर्ड बैठक राजधानी लखनऊ के लोक भवन में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव एवं यूपीसीडा के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की। मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह बैठक राज्य के औद्योगिक विकास को एक नई ऊंचाई देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई।

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बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए ₹6190 करोड़ के बजट को सर्वसम्मति से पारित किया गया, जो अब तक का एक बड़ा आर्थिक प्रस्ताव है। यह बजट राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नई औद्योगिक परियोजनाओं को जमीन पर उतारने, और निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से एक ठोस आधार तैयार करेगा।

उद्योगों का वर्गीकरण और भुगतान नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन

बैठक में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को ‘अति तीव्र’, ‘तीव्र’ और ‘मंद गति’ श्रेणियों में विभाजित करते हुए नई भुगतान नीति को मंजूरी दी गई। मंद गति वाले क्षेत्रों में अब 5% ईएमडी जमा कराकर आवंटन शुरू किया जाएगा। इसके बाद 60 दिनों के भीतर 20% राशि तथा शेष 75% धनराशि तीन वर्षों में 6 किस्तों में वसूल की जाएगी। वहीं अति तीव्र और तीव्र क्षेत्रों के लिए 10% ईएमडी, 60 दिन में 40% और शेष 50% राशि तीन वर्षों में किस्तों में ली जाएगी।

6 कताई मिलों के पुनः उपयोग को मिली हरी झंडी

राज्य सरकार द्वारा यूपीसीडा को उपलब्ध कराई गई 6 कताई मिलों के पुनः उपयोग के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली। इसमें अमेठी की उतेलवा मिल, प्रतापगढ़ की एटीएल मिल, बांदा, मेजा और फतेहपुर की मलवा मिल शामिल हैं। इन मिलों के तलपट मानचित्रों को अनुमोदित कर शीघ्र विज्ञापन जारी करने और आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।

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एक्स-लीडा मास्टर प्लान 2041 पर अंतिम मुहर

बैठक में एक्स-लीडा (पूर्व लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की महायोजना 2041 को शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। इसमें जन सुझावों और आपत्तियों का समावेश करते हुए विकास का एक दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया गया है, जो क्षेत्रीय विकास को नई पहचान देगा।

आईएमसी प्रयागराज और म्यूनिस्पल सेवाओं का विस्तार

आईएमसी प्रयागराज की योजना के तलपट मानचित्र को अनुमोदन मिला। इसके साथ ही नगर निगमों के साथ मिलकर औद्योगिक क्षेत्रों में म्यूनिस्पल सुविधाओं के विस्तार का भी निर्णय लिया गया। इससे साफ-सफाई, जल निकासी, सड़क मरम्मत जैसी सुविधाओं को उद्योगों तक ले जाने में मदद मिलेगी।

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भूमि बैंक विस्तार और EOI के माध्यम से आवंटन की योजना

मुख्य सचिव ने भूमि बैंक के विस्तार पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि नए भूमि अधिग्रहण हेतु EOI (Expression of Interest) प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए। इससे नए निवेशकों को पर्याप्त और उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी।

भूखंड हस्तांतरण में नई नीति

अब भूखंडों के हस्तांतरण (Transfer Cases) में भी नई नीति लागू होगी। यानि ट्रांसफर मामलों में वही शर्तें लागू होंगी, जो नए आवंटन में होती हैं। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही में इजाफा होगा।

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अधिकारियों की प्रतिक्रिया

मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा, “यूपीसीडा राज्य में निवेश और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बजट और नीतिगत बदलाव प्रदेश को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएंगे। ललितपुर में बनने वाला फार्मा पार्क और एक्स-लीडा क्षेत्रीय विकास में मील का पत्थर होंगे।”