लखनऊ

माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास की विधायकी बहाल, यूपी के पहले विधायक, जिनकी सदस्यता बहाल हुई

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय की ओर से सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।

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Sep 08, 2025

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है। 20 अगस्त को अब्बास अंसारी की अपील पर सुनवाई करते हुए हेट स्पीच मामले में उनकी सजा के आदेश को निलंबित कर दिया था। अब्बास अंसारी ने विधानसभा सदस्यता बहाल करने के लिए आवेदन किया था। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं गई। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने अब्बास की सदस्यता बहाली का आदेश सोमवार को जारी कर दिया है। अब्बास अब विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही सदन में उपस्थित हो सकेंगे।

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क्या था हेट स्पीच का मामला?

आरोप था कि सुभासपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ के प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा था कि चुनाव के बाद वह उनका 'हिसाब किताब' करेंगे। इस मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई गंभीर धाराएं लगाई गईं, जिनमें: धारा - 120 बी, भादवि, आपराधिक षड्यंत्र, धारा- 153 ए, भादवि, धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य करना, धारा - 189 भादवि, लोक सेवक को क्षति कारित करने की धमकी, धारा- 171 एफ भादवि,निर्वाचनों में असम्यक असर डालने या प्रतिपरूपण के लिए दंड,धारा - 506 भादवि, आपराधिक अभित्रास के लिए दंड।

यह मामला साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। 3 मार्च 2022 को मऊ शहर कोतवाली में एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था।

कोर्ट ने कब सुनाई थी सजा?

लगभग तीन साल चली कानूनी कार्यवाही के बाद, 31 मई 2025 को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर ₹11,000 का जुर्माना भी लगाया। इसी मामले में उनके साथी मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा और ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया था।

सजा के बाद गई थी विधायकी

कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद, 1 जून 2025 को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द कर दी थी। विधानसभा सचिवालय को छुट्टी के दिन खोलकर यह कार्यवाही पूरी की गई थी। इसके बाद से ही मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब्‍बास अंसारी यूपी के पहले विधायक हैं, जिनकी सदस्यता रद्द होने के बाद बहाल हुई है।

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Updated on:
09 Sept 2025 09:23 am
Published on:
08 Sept 2025 09:01 pm
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