लखनऊ

Railway Hospital Fire: लखनऊ रेलवे हॉस्पिटल में भीषण आग: CCU वार्ड से 22 मरीज सुरक्षित निकाले गए

Major Fire at Lucknow Railway Hospital: राजधानी लखनऊ के आलमबाग स्थित रेलवे हॉस्पिटल में सोमवार तड़के शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। देखते ही देखते धुआं तीन मंजिला बिल्डिंग में फैल गया, जिससे मरीजों का दम घुटने लगा। फायर टीम और अस्पताल स्टाफ की तत्परता से CCU वार्ड में भर्ती 22 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और बड़ा हादसा टल गया।

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Oct 27, 2025
अलार्म बजते ही मचा हड़कंप, दमकल कर्मियों की तत्परता से टला बड़ा हादसा (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Railway Hospital Fire Lucknow: लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में स्थित मंडल रेल चिकित्सालय (Railway Hospital) में सोमवार तड़के आग लग गई। वारदात उस वक्त हुई जब अधिकतर मरीज उपचार के बाद नींद में थे और उनके साथ मौजूद परिजन शांत वातावरण में रात गुजार रहे थे। अचानक अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर से धुआं उठता दिखाई दिया और देखते ही देखते तीन मंजिला बिल्डिंग धुएं से भर गई। धुआं भरने के कारण मरीजों का दम घुटने लगा और अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई।

हालांकि, फायर विभाग और अस्पताल स्टाफ की तत्परता ने एक बड़े हादसे को होने से टाल दिया। केवल कुछ ही मिनटों में स्थिति को काबू में कर लिया गया और 22 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। सभी मरीज फिलहाल सुरक्षित हैं और अस्पताल की सेवाएं बहाल हो चुकी हैं।

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सीसीटीवी सर्वर रूम से उठी आग: वायरिंग धू-धू कर जली

अस्पताल प्रशासन के अनुसार भूतल पर बने सीसीटीवी सर्वर रूम में शॉर्ट सर्किट के बाद चिंगारी उठी और वहीं से धुआं व आग फैलनी शुरू हुई। सर्वर रूम में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और केबल वायरिंग की बड़ी मात्रा होने के कारण आग तेजी से फैल गई। धुआं ऊपर की मंजिलों तक पहुंच गया, जिसमें पहली मंजिल पर स्थित CCU (क्रिटिकल केयर यूनिट) विशेष रूप से प्रभावित हुआ। CCU में भर्ती मरीज पहले से ही जीवन रक्षक प्रणाली पर थे, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। धुएं के कारण मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगी और परिजनों के बीच चीख-पुकार मच गई।

5.38 बजे मिली सूचना, 10 मिनट में फायर टीम पहुंची

फायर कंट्रोल रूम को आग की सूचना सुबह 5 बजकर 38 मिनट पर मिली। करीब 5.48 पर दमकल की पहली यूनिट मौके पर पहुंची और तुरंत राहत कार्य शुरू किया। आलमबाग फायर यूनिट  प्रभारी  धर्मपाल सिंह ने 12 से अधिक प्रशिक्षित फायरमैन,स्मोक गन और एक्सट्रैक्शन फैन जैसी आधुनिक मशीनें, फायर टीम ने रैंप और सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हुए स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और हाथों की मदद से गंभीर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला।

परिजनों में दहशत, बच्चे और बुजुर्ग हुए परेशान

धुएं से दम घुटने लगा तो कई मरीज अपने बिस्तर छोड़ बाहर निकलने के लिए तड़प उठे।परिजन इधर-उधर भागने लगे - किसी ने मदद के लिए आवाज लगाई, तो कोई खिड़कियां और दरवाजे खोलने में जुट गया।
एक मरीज के परिजन ने बताया कि हम चिल्ला रहे थे, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आग कहां है। बस धुआं नजर आ रहा था और बच्चे घबरा रहे थे।

शुक्र है, इमरजेंसी वार्ड तक नहीं पहुंचा धुआं

अस्पताल कर्मचारियों ने फौरन इमरजेंसी वार्ड का मुख्य प्रवेश द्वार बंद किया, जिससे धुआं अंदर प्रवेश नहीं कर सका। यदि ऐसा न होता तो स्थिति और भयावह हो सकती थी, क्योंकि वहां भी कई गंभीर मरीज भर्ती थे।

तकनीकी जांच के आदेश: जिम्मेदारी तय होगी

  • रेलवे अस्पताल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को घटना की पूरी जानकारी भेज दी है।
  • तकनीकी जांच समिति गठित की जाएगी, जो निम्न बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करेगी:

जांच के मुख्य मुद्दे

  • . सर्वर वायरिंग में ओवरलोडिंग की जांच.  मेंटेनेंस बैकअप सिस्टम की स्थिति.  फायर अलार्म और सुरक्षा सिस्टम की कार्यक्षमता. आकस्मिक निकासी (evacuation) योजना का मूल्यांकन
  • अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि फायर सेफ्टी सिस्टम ने सही समय पर काम किया, जिससे समय रहते सभी को सतर्क कर दिया गया।

आग से हुई क्षति

  • सर्वर रूम की पूरी वायरिंग जलकर राख
  • कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी क्षतिग्रस्त
  • मरीजों को कोई शारीरिक नुकसान नहीं
  • अस्पताल के रिकॉर्ड सिस्टम पर अब प्रभाव पड़ने की आशंका
  • अभी नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

दमकल विभाग की तारीफ

फायर ऑफिसर ने कहा कि अगर आग कुछ देर और भड़कती, तो धुएं के कारण CCU में कई जानें खतरे में पड़ सकती थीं। समय रहते कार्रवाई कर दी गई, इसीलिए बड़ा हादसा टल गया। अस्पताल प्रशासन ने सभी फायर फाइटर्स और मेडिकल टीम को धन्यवाद दिया है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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