MLC धर्मेंद्र भारद्वाज ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और मेरठ के इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की जोरदार मांग की। धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहा कि मेरठ को 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का उद्गम स्थल माना जाता है। उन्होंने सवाल उठाया, 'मेरठ में इस्लामाबाद नाम का एक मोहल्ला है। मैं जानना चाहता हूं कि इस मोहल्ले का नाम इस्लामाबाद क्यों रखा गया?'
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 'विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर चर्चा के दौरान मेरठ के इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी मातादीन वाल्मीकि के नाम पर करने की मांग उठी। गुरुवार को बीजेपी विधान परिषद सदस्य (MLC) धर्मेंद्र भारद्वाज ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और मेरठ के इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की जोरदार मांग की। इस प्रस्ताव ने राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया है। हलांकि आपको बता दें मेरठ का इस्लामाबाद मोहल्ला मुस्लिम बहुल इलाका है।
धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहा कि मेरठ को 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का उद्गम स्थल माना जाता है। उन्होंने सवाल उठाया, 'मेरठ में इस्लामाबाद नाम का एक मोहल्ला है। मैं जानना चाहता हूं कि इस मोहल्ले का नाम इस्लामाबाद क्यों रखा गया?' उन्होंने सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि इस मोहल्ले का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी मातादीन वाल्मीकि के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा है।
मातादीन वाल्मीकि मेरठ के निवासी थे और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कारतूस फैक्टरी में काम किया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में सक्रिय भागीदारी की। वहीं, इस्लामाबाद मेरठ के पुराने शहर में स्थित एक मुस्लिम बहुल मोहल्ला है, जो लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।