Municipal Elections:ओबीसी आरक्षण पर मुहर लगने के साथ ही राज्य में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल जनवरी में निकाय चुनाव हो जाएंगे। दिसंबर आखिरी तक आदर्श आचार संहिता लागू होने की भी संभावना है।
Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव का अध्यादेश मंजूर होने के बाद अब उत्तराखंड इलेक्शन मोड पर आने वाला है। अभी नियमावली के ड्राफ्ट पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन शेष है। एक सप्ताह पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से निकायों की निर्वाचक नामावली को अपडेट करने से जुड़े निर्देशों के बाद संभावना जताई जा रही कि उत्तराखंड में निकाय चुनाव अगले साल जनवरी तक हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर नगर निकाय क्षेत्रों में एक जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए वोटरों के नाम निर्वाचक सूची में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 8, 9, 10 दिसंबर को विशेष कैंप भी लगाए जा चुके हैं। यह प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी होनी है। दिसंबर आखिरी तक राज्य में निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने सभी निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही निकायों में ओबीसी के आरक्षण की अधिकतम 14 प्रतिशत की सीमा की बंदिश खत्म होने जा रही है। सरकार अब आबादी के मुताबिक, ओबीसी के लिए आरक्षण तय कर सकती है।, सरकार जल्द आरक्षण का प्रारूप जारी कर आपत्तियां आमंत्रित कर करेगी।
उत्तराखंड में आबादी के आधार पर आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, 11 नगर निगमों में से दो में मेयर पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। साथ ही 45 नगर पालिकाओं में से 13 और 46 नगर पंचायतों में 15 अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, अब सरकार जल्द निकाय चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी।