NEET Fraud: 100 करोड़ रुपये के NEET प्रवेश घोटाले का मास्टरमाइंड अभिनव शर्मा गिरफ्तार होने के बाद चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। एक साधारण इंजीनियर दिखने वाला यह व्यक्ति दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में घूमता रहा और आलीशान जीवन जीते हुए देश का सबसे बड़ा परीक्षा रैकेट संचालित करता रहा।
NEET Scam Abhinav Sharma: देश की मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET से जुड़े अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने 35 वर्षीय अभिनव शर्मा को गिरफ्तार किया। एक साधारण से निजी कॉलेज से बीटेक (मैकेनिकल) की पढ़ाई करने वाला यह शख्स असल में 100 करोड़ रुपये के एडमिशन स्कैम का मास्टरमाइंड निकला।
जिसे पुलिस शुरू में एक “सामान्य परीक्षा धोखाधड़ी” समझ रही थी, वही मामला देखते-देखते एक विशाल, अत्यंत संगठित और तकनीकी रूप से मजबूत आपराधिक साम्राज्य में बदल गया। शर्मा ना सिर्फ भारत के छह राज्यों में फैले बड़े नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था, बल्कि एक ऐसी ज़िंदगी भी जी रहा था, जिसे देखकर बड़े कॉरपोरेट अधिकारी भी पीछे छूट जाएं।
110 देशों की यात्रा-अपराध की कमाई से बना 'ग्लोबल बिजनेस टायकून' का मुखौटा
मध्य पूर्व लगभग हर महाद्वीप के प्रमुख देशों की हवाई टिकटें उसके पास मौजूद थीं। उसका हर सफर बिजनेस क्लास में होता था। सात सितारा होटलों में रहना, महीनों विदेशों में घूमना, और खुद को एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षण विशेषज्ञ बताना,यह उसकी रोजमर्रा की जीवन शैली थी। डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के अनुसार,अभिनव की लाइफस्टाइल टॉप कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव्स से भी कहीं आगे थी। उसकी रहन-सहन देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि वह एक परीक्षा रैकेट चलाने वाला अपराधी है।
महंगे सनग्लासेस, स्विस घड़ियों का कलेक्शन, डिजाइनर शूज,शौक किसी शहजादे से कम नहीं। शर्मा के पास दो लाख रुपये के इम्पोर्टेड सनग्लासेस,पाँच-पाँच लाख रुपये की स्विस घड़ियाँ, प्लैटिनम ब्रेसलेट, लग्जरी परफ्यूम, डिजाइनर शर्ट्स, सूट्स और टक्सीडो का बड़ा कलेक्शन था। एयरपोर्ट पर वह कस्टम-टेलर्ड टक्सीडो पहनकर चलता था। उसके सोशल मीडिया पर विदेशी यात्राओं और पार्टी फ़ोटो का लंबा सिलसिला था, जो अब जांच का हिस्सा है।
2012 में शुरू किया "कंसल्टेंसी" का खेल,यहीं से खड़ा हुआ NEET घोटाले का साम्राज्य
शर्मा ने शुरुआत एक दिल्ली की कंपनी में एडमिशन हैंडलिंग जॉब से की, जहां उसने भारत की कॉलेज एडमिशन प्रणाली की कमजोरियों को बारीकी से समझा। मात्र एक साल में उसने फैसला कर लिया कि वह खुद का नेटवर्क चलाएगा।
2012 में उसने अपना "कंसल्टेंसी ऑफिस" खोला। इसके बाद उसने मध्यस्थों की फौज खड़ी की,फर्जी खातों से लेनदेन शुरू किया, मैनेजमेंट कोटा सीटों के नाम पर लाखों रुपये लेने शुरू कर दिए। लक्षित परिवार वे थे जिनके बच्चे NEET में बार-बार असफल हो रहे थे और मेडिकल सीट के लिए बेताब थे।
22 बीघा प्लॉट, फर्जी खाते, मैनेजमेंट कोटा का झांसा--18 से 45 लाख तक वसूली
सब कुछ “हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़” के नाम पर खुले फर्जी खातों में जमा कराया जाता था, ताकि सब कुछ वैध दिखे।
जांच में सामने आया कि एक पुराने मामले में जेल गए दौरान शर्मा की मुलाकात संतोष कुमार से हुई, जो खुद ठगी का आरोपी था। दोनों ने अंदर ही अंदर नया जाल बुनना शुरू किया। इसी दौरान शर्मा पुलिस हिरासत से भाग भी गया ,एक ट्रेन से कूदकर! इसके बाद वह अलग-अलग पहचान से घूमता रहा और पांच फर्जी पहचानें बनाकर देशभर में संचालन करता रहा।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी बुलाता था-"एजुकेशन आइकॉन" की छवि बनाने की कोशिश
पुलिस के अनुसार उसने अपने सेमिनारों और इवेंट्स में कुछ बॉलीवुड कलाकारों को भी बुलाया था, ताकि भरोसेमंद और ‘सेलिब्रिटी कनेक्शन वाला’ शिक्षा विशेषज्ञ दिख सके। परिवार उसकी परिष्कृत छवि देखकर आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे। शिकायतें बढ़ीं, साइबर क्राइम पुलिस हरकत में आई, कठौता झील के पास गिरफ्तारी जब कई परिवारों ने पैसे देने के बाद भी एडमिशन न मिलने की शिकायतें की, तो मामला लखनऊ साइबर क्राइम थाने पहुंचा।
अधिकारियों के अनुसार, शर्मा ने दुनिया भर में करोड़ों की रकम उड़ाई है, विदेशी ट्रिप, शॉपिंग और पार्टियों में भारी धन खर्च किया गया। पाँच अलग-अलग पहचानें इस्तेमाल कर देश-विदेश में संपत्तियां खरीदी गईं। अब पुलिस उसकी संपत्तियों की जब्ती, नेटवर्क की पूरी मैपिंग और फर्जी खातों की जांच कर रही है।