New Excise Policy:अगले महीने से राज्य में शराब महंगी हो सकती है। आज कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। नई आबकारी नीति में पिछले साल की अपेक्षा करीब 621 करोड़ अधिक राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। बड़ी बात ये है कि नए वित्तीय वर्ष से शराब के कई आउटलेट भी बंद हो जाएंगे।
New Excise Policy:शराब नए वित्तीय वर्ष में महंगी हो सकती है। साथ ही आबकारी नीति के तहत कई नए प्रावधान भी लागू हो जाएंगे।दरअसल, उत्तराखंड की नई आबकारी नीति 2025 को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नीति के तहत सरकार ने कई प्रावधान तय किए हैं। नई आबकारी नीति में किसी शराब की दुकान पर एमआरपी से अधिक दाम वसूलने पर संबंधित ठेके का लाइसेंस सीधे निरस्त हो जाएगा। इसके अलावा डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी एमआरपी लागू होगी। उत्तराखंड की नई आबकारी नीति में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जाएगा। राज्य में शराब उप-दुकानों (आउटलेट) और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी। राज्य में आबकारी का लक्ष्य बढ़ने पर इस साल शराब के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ भी सकते हैं। हालांकि एक-दो दिन में गजट सामने आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट और स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट और स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।