लखनऊ

‘Ayushman Yojana’ की नई गाइडलाइन: अब फर्जीवाड़ा हुआ नामुमकिन

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की नई गाइडलाइन जारी, अब मुश्किल होगा फर्जीवाड़ा करना मिलेगी कड़ी सजा।

2 min read
Jul 09, 2024
Ayushman Yojana New Guidelines

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस नई गाइडलाइन के लागू होने से इलाज में फर्जीवाड़ा करना मुश्किल होगा। यह गाइडलाइन स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) द्वारा निजी अस्पतालों के लिए जारी की गई है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि इन नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

नई गाइडलाइन का पालन अनिवार्य

नयी गाइडलाइन को लखनऊ सीएमओ कार्यालय ने संबद्ध निजी अस्पतालों में लागू कर दिया है। इसके अनुसार, अब अस्पताल में आयुष्मान मरीज के साथ इलाज करने वाले डॉक्टर की फोटो भी भेजनी होगी। आईसीयू में भर्ती मरीजों की फोटो दिन में दो बार या आठ-आठ घंटे के अंतराल में अपलोड की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि मरीज वाकई में भर्ती है और उसका इलाज हो रहा है। फोटो लेते समय जीपीएस इनेबल्ड होना अनिवार्य है। सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर ही आईसीयू में भर्ती करने का परामर्श दे सकेंगे।

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्त नियम

आयुष्मान योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. विनय मिश्र ने बताया कि आईसीयू में मरीज को भर्ती करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर का परामर्श अनिवार्य होगा। एमबीबीएस डॉक्टर सिर्फ मरीज को आईसीयू रेफर कर सकेंगे। अगर किसी निजी अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उसका भुगतान रोक दिया जाएगा और पास हो चुका क्लेम भी रोका जा सकेगा।

योजना का व्यापक प्रभाव

सीएमओ प्रवक्ता और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी के अनुसार, राजधानी के करीब 306 अस्पतालों में आयुष्मान योजना संचालित हो रही है, जिसमें 258 सरकारी और 48 निजी अस्पताल शामिल हैं। योजना शुरू होने से लेकर अब तक 3914161133 रुपये मरीजों के इलाज पर खर्च हो चुके हैं। नई गाइडलाइन को लागू करने के आदेश दे दिए गए हैं और इसका पालन न करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Published on:
09 Jul 2024 09:52 am
Also Read
View All

अगली खबर