7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Government Schemes: अगले 3 से 4 साल में खुद की दाल खाएगा यूपी, जानें सरकार की योजना

उत्तर प्रदेश अगले तीन-चार वर्षों में दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। योगी सरकार के नेतृत्व में किए गए प्रयासों से 2016/17 से 2023/24 के दौरान दलहन उत्पादन में करीब 36% की वृद्धि हुई है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Jul 08, 2024

Government Schemes

Government Schemes

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। सात वर्षों के दौरान, सरकार की नीतियों और योजनाओं ने दलहन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2016/17 में 23.94 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023/24 में 32.55 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो लगभग 36% की वृद्धि को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के 35 हजार पेंशनर्स को बड़ी राहत,गोल्डन कार्ड योजना से जुड़ने का मौका

सरकार की कार्ययोजना

दलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। अरहर, उड़द और मूंग की फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 27,200 हेक्टेयर में फसल प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, 31,553 कुंतल बीज वितरण और 27,356 कुंतल प्रमाणित बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बीज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 14 सीड हब बनाए गए हैं, जो 21,000 कुंतल बीज उत्पादन करेंगे।

यह भी पढ़ें: रेलवे का बड़ा फैसला: अगले दो साल में 10 हजार नॉन-एसी कोच, जनरल और स्लीपर यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अरहर की उन्नतशील प्रजातियों के 10,500 मिनीकिट्स बांटे जाएंगे। मूंग और उड़द जैसी अन्य दलहनी फसलों के मिनीकिट्स भी वितरित किए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने दलहनी फसलों की एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है, जिससे किसानों को वाजिब दाम मिल सके।

बुंदेलखंड में आदर्श दलहन ग्राम

दलहन उत्पादन में अग्रणी बुंदेलखंड के जिलों - बाँदा, महोबा, जालौन, चित्रकूट और ललितपुर में आदर्श दलहन ग्राम विकसित किए जाएंगे। प्रदेश की कुल उपज का लक्ष्य 30 लाख टन है और प्रति हेक्टेयर उपज को 14 से बढ़ाकर 16 कुंतल करना है। इसके लिए 1.75 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे को दलहन की फसलों से आच्छादित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Heavy Rain: लखनऊ, अयोध्या, कन्नौज, बलिया, सोनभद्र, चंदौली और बनारस में 8-10 जुलाई तक IMD की नई भविष्यवाणी

असमतल भूमि और सहफसली खेती पर जोर


असमतल भूमि पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली, फरो एंड रिज मेथड से खेती और एमएसपी पर खरीद की गारंटी जैसी तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जाएगी। सरकार पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दलहनी फसलों को बढ़ावा दे रही है, जो प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं और भूमि के लिए संजीवनी हैं।

आत्मनिर्भरता से विदेशी मुद्रा की बचत


भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक देश है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दलहन उपभोक्ता राज्य है। अगर उत्तर प्रदेश दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो विदेशी मुद्रा की बचत होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाल के दामों पर भी नियंत्रण रहेगा।

यह भी पढ़ें: मुफ्त बिजली योजना: UP में किसानों के लिए मुफ्त बिजली पाने का आखिरी मौका, जानें तारीख

योगी सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते उत्तर प्रदेश दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। इन प्रयासों से न केवल प्रदेश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। सरकार की यह पहल प्रदेश और देश दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

यह भी पढ़ें: LDA Housing Scheme: लखनऊ को जल्द ही मिलेंगी चार नई आवासीय योजनाएं, LDA ने तैयार किया खाका, जानें इसके बारे में