Online Gaming Turns Deadly: राजधानी लखनऊ में मोबाइल गेमिंग की लत ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। पीजीआई थाना क्षेत्र के बाबूखेड़ा इलाके में हुई रेनू यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है।
UP Crime Lucknow Murder: राजधानी लखनऊ में मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग की लत ने एक परिवार की जिंदगी को तबाह कर दिया। पीजीआई थाना क्षेत्र के बाबू खेड़ा इलाके में हुई रेनू यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने ऐसा सनसनीखेज खुलासा किया, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है। रेनू यादव की हत्या किसी बाहरी बदमाश ने नहीं, बल्कि उसी के छोटे बेटे निखिल यादव ने की थी। पुलिस ने सोमवार को इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी बेटे निखिल यादव (बीए छात्र) को गिरफ्तार कर लिया। निखिल को ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग का जुनून इस हद तक था कि वह अपनी मां की जान लेने से भी नहीं हिचका।
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि निखिल लंबे समय से ऑनलाइन गेम्स और बेटिंग एप्स पर सक्रिय था। वह रोजाना घंटों मोबाइल में डूबा रहता था और अपनी पढ़ाई से पूरी तरह कट चुका था। गेमिंग और बेटिंग में वह कई बार बड़ी रकम हार चुका था, जिसके चलते उसे लगातार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि निखिल ने पिछले कुछ महीनों में 50 लाख रुपये से अधिक के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए थे। हारने के बाद उसने ऑनलाइन लोन एप्स से रकम उधार ली थी। लोन वसूलने वाले लगातार उसे फोन कर धमकाने लगे थे। इस तनाव और दबाव में निखिल का व्यवहार और भी आक्रामक होता चला गया।
पुलिस जांच में पता चला कि घटना के दिन निखिल ने मां रेनू यादव के गहने चोरी करने की योजना बनाई थी ताकि उन्हें बेचकर लोन की रकम चुका सके। रात में जब रेनू को जेवरों की चोरी का शक हुआ और उसने बेटे से सवाल किया, तो निखिल आपा खो बैठा। गुस्से में उसने पहले पेचकस से रेनू के गले और सीने पर कई वार किए, फिर यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह मर चुकी है, गैस सिलेंडर उठाकर उसके सिर पर वार किया। घटना को अंजाम देने के बाद वह खून से सने कपड़े बदलकर फरार हो गया।
हत्या करने के बाद निखिल ने पिता और मामा को फोन कर कहा कि घर में कुछ बदमाश घुस आए और उन्होंने मां की हत्या कर दी। उसने पुलिस को भी यही कहानी सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पीजीआई पुलिस ने जांच टीम गठित की। जांच में कई विरोधाभास सामने आए। घर में जबरन प्रवेश या लूटपाट के कोई निशान नहीं मिले। पुलिस को संदेह हुआ कि हत्या घर के किसी सदस्य ने ही की है। इसके बाद निखिल की मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
सीसीटीवी में निखिल को घटना के बाद बाइक से फरार होते हुए देखा गया।मोबाइल लोकेशन ट्रैक करने पर वह फतेहपुर पहुंचा पाया गया। पुलिस टीम ने फतेहपुर से उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में निखिल ने पूरे घटनाक्रम की कबूलनामा बयान में पुष्टि की।
पुलिस ने निखिल के पास से हत्या में इस्तेमाल पेचकस, सिलेंडर और चोरी किए गए जेवरात बरामद कर लिए हैं। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि निखिल के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जा रहा है।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग प्लेटफॉर्म अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रह गए, बल्कि युवाओं की जिंदगी बर्बाद करने वाला नशा बनते जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, राजधानी लखनऊ में पिछले दो सालों में ऑनलाइन गेमिंग और लोन एप से जुड़े 300 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें कई मामलों में मानसिक तनाव, आत्महत्या और पारिवारिक हिंसा जैसे अपराध सामने आए हैं।
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि माता-पिता अपने बच्चों के मोबाइल उपयोग पर ध्यान दें। आज मोबाइल बच्चों के लिए घातक नहीं, बल्कि खतरनाक होता जा रहा है। यह मामला एक चेतावनी है कि डिजिटल लत किस हद तक विनाशकारी हो सकती है,” उन्होंने कहा।
पड़ोसियों के अनुसार, निखिल हमेशा शांत स्वभाव का दिखाई देता था। कोई नहीं सोच सकता था कि वह इतनी निर्दयता से अपनी मां की हत्या कर सकता है। पुलिस ने कहा कि निखिल का मोबाइल और बैंक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किन बेटिंग और गेमिंग एप्प के संपर्क में था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी निखिल यादव को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। साथ ही, ऑनलाइन गेमिंग और लोन एप्स से जुड़े साइबर अपराधियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की जा रही है।