Railway New Rule: भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इसके मुताबिक, अब सिर्फ 10 फीसदी अधिक ही वेटिंग जारी की जाएगी।
Railway New Rule: ट्रेन में अत्यधिक भीड़ पर अंकुश लगाने के लिए नई कवायद शुरू होने जा रही है। भविष्य में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित आरक्षण प्रणाली लागू हो जाने के बाद टिकट वेटिंग सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा। वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम हो जाएगी और कन्फर्म बर्थ वाले यात्री सुकून से यात्रा कर सकेंगे। नई व्यवस्था में खुद ही कन्फर्म हो जाने वाली वेटिंग के बाद 10 फीसदी अधिक ही वेटिंग जारी की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने उत्तर मध्य रेलवे से इस संबंध में सुझाव मांगा है।
दरअसल, एआई आधारित आरक्षण प्रणाली लागू हो जाने के बाद कई अहम बदलाव किए जाने हैं। बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे से आरक्षण व्यवस्था को लेकर सुझाव मांगे हैं। उत्तर मध्य रेलवे ने वेटिंग का नया फार्मूला तैयार किया है। इस व्यवस्था से पीआरएस (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) रोजाना खुद व खुद कन्फर्म हो जाने वाले टिकटों का परीक्षण करेगा। उसी परीक्षण के आधार पर 10 फीसदी अधिक वेटिंग जारी की जाएगी।
क्रिस (सेंटर फॉर रिजर्वेशन एंड इनफार्मेशन सिस्टम) ने एनसीआर रेलवे के तीनों मंडलों से पीआरएस सूची मांगी है। मांग के हिसाब से तीनों मंडलों के पीआरएस लोकेशन और सिस्टम की संख्या की रिपोर्ट भेज दी है। एनसीआर में 150 स्टेशनों पर पीआरएस सिस्टम काम करता है। पहले फेज में दिसंबर से नई तकनीक शुरू हो जाएगी।
ट्रेन में टिकट को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी त्योहार और गर्मी की छुट्टियों में होती है। इस दौरान सीट कन्फर्म न होने के बाद भी सैकड़ों यात्री आरक्षित कोच में चढ़ जाते हैं, जो कन्फर्म सीट वालों के लिए मुसीबत बन जाते हैं। वेटिंग सीमित हो जाने से जिनकी सीट कन्फर्म नहीं होगी, वे यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सकेंगे।