
मेरे बेटे को तांत्रिक के जरिए वश में किया गया'; बोले पिता - इस हत्या में चौथा व्यक्ति भी शामिल था (फोटो सोर्स : Police Media Cell )
Shocking Twist in Lucknow Engineer Murder: लखनऊ में युवा इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की गला रेतकर की गई हत्या के मामले में हर दिन नए मोड़ सामने आ रहे हैं। पुलिस ने उसकी 13 साल बड़ी गर्लफ्रेंड रत्ना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि उसकी दो नाबालिग बेटियों को बाल संरक्षण गृह में भेजा गया है। पुलिस जहां इस हत्या को पारिवारिक विवाद, मनोवैज्ञानिक दबाव और कथित यौन उत्पीड़न की शिकायतों से जुड़ा मामला मान रही है, वहीं मृतक इंजीनियर के पिता ने पूरी तरह अलग कहानी सामने रखी है। उनके मुताबिक यह हत्या तीन महिलाओं द्वारा अकेले संभव नहीं, बल्कि किसी चौथे व्यक्ति की भूमिका भी इस अपराध में शामिल है।
देवरिया निवासी मृतक इंजीनियर सूर्य प्रताप के पिता नरेंद्र सिंह का दावा है कि उनके बेटे की हत्या योजनाबद्ध तरीके से कराई गई। उनका कहना है कि मेरे बेटे की गर्दन पर तीन गहरे वार थे। सीने और हाथों पर भी कई निशान थे। दो नाबालिग लड़कियां और उनकी मां इतनी ताकत से वार नहीं कर सकतीं। रत्ना ने किसी और से हत्या कराई है। वह सुबह हत्या करवाकर हत्यारे को भगाती रही और बाद में पुलिस को फोन किया। नरेंद्र सिंह ने यह भी दावा किया कि हत्या से पहले घर के बाहर अक्सर एक अनजान आदमी दिखाई देता था, जिसकी जानकारी उन्हें पड़ोसियों ने दी। उनका कहना है कि रत्ना के संपर्क में कोई और भी पुरुष था जिसने हत्या में उसकी मदद की।
सूर्य प्रताप सिंह एवरेडी कंपनी में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर थे। 2012 में वह जानकीपुरम में अपने परिवार के साथ रहते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात पड़ोस में रहने वाली रत्ना से हुई, जिसके पति राजेंद्र कुमार की मौत 2014 में हो गई थी। सूर्य उसकी दो बेटियों को ट्यूशन पढ़ाने घर जाया करते थे, और इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। सूर्य, रत्ना और उसकी दोनों बेटियां पिछले कई महीनों से लखनऊ में किराए के घर में साथ रहते थे। लिव-इन में रहते थे, लेकिन परिवार शादी की तैयारी कर चुका था परिवार के मुताबिक, सूर्य ने शादी के लिए अपनी सहमति दे दी थी और रिश्तेदारों से बात भी चल रही थी। लेकिन रत्ना इस शादी के विरोध में थी।
परिवार का दावा है कि वह सूर्य पर दबाव बनाती थी कि वह किसी और लड़की से शादी न करे। कहती थी-“अगर अलग हुए तो बेटियां तुम्हारे खिलाफ केस कर देंगी। वह सोशल मीडिया पर दोनों की तस्वीरें लगाती थी, जिससे दोनों के बीच झगड़े बढ़ते गए। बेटे पर वशीकरण का असर था यह परिवार का दावा हैं। पुलिस ने कहा,जांच में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया हैं . जांच चल रही हैं। परिवार से जुड़े एक सदस्य का कहना है कि सूर्य के व्यवहार में पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव आया।
उनके शब्दों में सूर्य अक्सर तनाव में रहता था। कई बार ऐसा लगता था कि वह किसी दबाव में है। हमें पता चला कि रत्ना ने 4 साल पहले किसी तांत्रिक से वशीकरण जैसा कुछ कराया था। हमारी एक परिचित लड़की ने इसकी जानकारी दी थी। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा है कि अंधविश्वास या तंत्र-मंत्र जैसी बातों पर वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, और जांच केवल उपलब्ध सबूतों पर आधारित होगी।
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक घटना वाले दिन सुबह घर में मरम्मत का काम हो रहा था। इसी दौरान किसी बात पर सूर्य और रत्ना में झगड़ा हुआ। फिर रत्ना ने रसोई से धारदार चाकू उठाया और सूर्य पर हमला कर दिया। गर्दन पर वार होने से सूर्य की मौके पर ही मौत हो गई। रत्ना अपनी दोनों नाबालिग बेटियों के साथ दूसरे कमरे में 10 घंटे तक बैठी रही। बाद में किराएदारों के शोर और पूछताछ पर उसने पुलिस को कॉल किया। लेकिन मृतक के पिता इस घटनाक्रम को पूरी तरह खारिज करते हैं। वो कहते कि मेरे बेटे को पहले से धमकाती थी।
पिछले कई महीनों से रत्ना सूर्य को नियंत्रण में रखना चाहती थी। वह कहती थी-“मुझसे शादी नहीं करोगे तो केस में फंसा दूंगी। वह सूर्य से कहती थी कि उसकी बेटियां बड़ी हो रही हैं और वे भी उसके खिलाफ बयान दे देंगी। इस वजह से सूर्य गहरे तनाव में था। परिवार का यह भी कहना है कि सूर्य बेहद जिम्मेदार लड़का था, घर का खर्च चलता था और किसी भी तरह का हिंसक स्वभाव उसका नहीं था।
प्रारंभिक जांच में पुलिस का मानना है कि सूर्य और रत्ना के बीच संबंधों में लगातार तनाव था। रत्ना ने आरोप लगाया था कि सूर्य उसकी बेटियों के साथ गलत व्यवहार करता था, जिसे लेकर झगड़े होते थे। घटना दिन बढ़ते तनाव का परिणाम रही होगी। फिलहाल हत्या में किसी “चौथे व्यक्ति” की भूमिका सामने नहीं आई है। हालांकि पुलिस यह भी कह रही है कि कॉल डिटेल,घर के भीतर की गतिविधियों,पड़ोसियों के बयान,डिजिटल सबूत की जांच जारी है।
पिता ने उठाया बड़ा सवाल-“अगर उसने खुद मारा था तो 10 घंटे तक शव के साथ क्यों बैठी रही
नरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर वह डर गई थी या गलती से ऐसा हुआ था तो तुरंत पुलिस को फोन क्यों नहीं किया? 10 घंटे तक शव के पास बैठने का क्या मतलब? यह हत्या सुबह हुई और उसी ने किसी को बुलाकर वार कराए। जब वह भाग गया, तब पुलिस को फोन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री और डीजीपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
देवरिया स्थित सूर्य के गांव में मातम पसरा है। परिवार के लोग बार-बार उस बात को याद कर रो पड़ते हैं कि सूर्य ने शादी की सहमति दे दी थी और जनवरी-फरवरी में रिश्ता तय होने वाला था। परिवार यह भी कह रहा है कि सूर्य की मां लगातार बीमार रहती हैं। बेटे की मौत की खबर मिलते ही उनकी हालत बिगड़ गई. घर में दोपहर से लेकर रात तक लोगों का तांता लगा रहा
अभी तक की जांच-पुलिस रत्ना को मुख्य आरोपी मान रही, लेकिन परिवार संतुष्ट नहीं
पुलिस की ओर से रत्ना को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया। दोनों बेटियां बाल संरक्षण विभाग की निगरानी में हैं। घटनास्थल से चाकू बरामद किया गया है। कॉल रिकॉर्ड और फोन डेटा की फॉरेंसिक जांच जारी है। सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन भी खंगाले जा रहे हैं। वहीं मृतक का परिवार कह रहा है कि हत्या बेहद क्रूर थी,उस स्तर की हिंसा महिलाओं द्वारा संभव नहीं। एक प्रशिक्षित या मजबूत पुरुष का इसमें हाथ है। हत्या के बाद घटनास्थल से सबूत भी मिटाए गए
लखनऊ पुलिस ने इस मामले को प्राथमिक रूप से परिवारिक तनाव और अवैध संबंध से जोड़कर देखा है, लेकिन मृतक का परिवार इससे पूरी तरह असहमत है।
उनका दावा है कि रत्ना ने अपने कब्जे के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया, शादी रोकने के लिए धमकाती थी। किसी चौथे व्यक्ति के साथ मिलकर हत्या करवाई। बच्चियों को ढाल बनाकर कहानी गढ़ी गई। जांच आगे क्या मोड़ लेगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा, लेकिन सूर्य प्रताप की मौत ने एक परिवार को तोड़ दिया है, और अब उनका परिवार केवल यही चाहता है कि सच्चाई सामने आए और बेटे को न्याय मिले।
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Published on:
12 Dec 2025 03:33 pm
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