Republic Day: 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प दोहराया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों और गणतंत्र के रचयिताओं को नमन किया।
Republic Day Flag Hoisting Yogi Adityanath: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास पर ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने पूरे प्रदेशवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन भारत ने अपना संविधान लागू करते हुए एक संप्रभु संपन्न लोकतांत्रिक गणतंत्र भारत के रूप में अपनी एक नई यात्रा को प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ।
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में भारत ने एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को एक माला के रूप में पिरोने का उत्तरदायित्व बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को दिया गया, जिन्होंने 26 नवंबर 1949 को एक मसौदा संविधान सभा के सामने सौंपा और अनंत: 26 जनवरी 1950 को ये देश खुद का संविधान लागू करने में सफल हो पाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। सम और विषम परिस्थितियों में यह पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सफल रहा है। आज के इस अवसर पर जब हम भारत के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष को पूरा कर रहे हैं, इस अवसर पर मैं भारत माता के महान सपूतों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
उन्हाेंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने संविधान सभा के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि यह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के नेतृत्व का परिणाम है कि आज भारत के पास एक समावेशी और प्रगतिशील संविधान है।
उन्होंने कहा कि 75 वर्षों की ये यात्रा हमें अमृत काल से जोड़ती है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को न्याय देने के लिए हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। हर नागरिक को बिना भेदभाव के न्याय मिले और पूरा भारत एकता के सूत्र में बंधकर करके भारत की समृद्धि के बारे में सोचे ये प्रेरणा भारत का संविधान देता है।
सीएम योगी ने कहा कि आज हम सबके सामने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य है और ये भारत के संविधान का अनुसरण करके ही पूरा किया जा सकता है। आज के इस अवसर पर जब भारत के संविधान के उस मूल प्रति का हम अवलोकन करते हैं तो हम भारतीय संस्कृति की गहराई और ऊंचाई का अंदाजा लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपने संविधान के प्रति इस बात के लिए भी गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश के पास है। यहां बिना भेदभाव के सभी को मताधिकार की ताकत प्राप्त हुई। आज आधुनिक लोकतंत्र का श्रेय लेने वाले तमाम देश हैं, लेकिन वहां रंगभेद तो कहीं आधी आबादी महिलाओं को भी यह ताकत नहीं मिली है। भारत अपने यहां ये सब पहले ही दिन से लागू कर चुका है। हम सब अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करें तो आने वाले समय में अगले 25 वर्ष का जो पीएम मोदी ने संकल्प देशवासियों को दिया है, वह विकसित भारत 25 सालों में देशवासियों के सामने होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान जाति, धर्म, भाषा और लिंग के भेदभाव के बिना हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब विश्व के कई लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं और वंचित वर्गों को मतदान का अधिकार नहीं था, तब भारत ने पहले ही दिन से यह सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं को “आधुनिक रामराज्य” का स्वरूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों, किसानों और वंचित वर्गों के लिए अनेक योजनाएं लागू की गईं, जिनसे करोड़ों लोगों को लाभ मिला।